• 147वीं पर टीडी कालेज में आयोजित हुआ संस्थापक दिवस
जौनपुर। टीडी कालेज के पूर्व प्राचार्य ड़ा. यूपी सिंह ने कहा कि ठा. तिलकधारी सिंह शिक्षा अनुरागी थे। वह शिक्षा के महत्व को समझते थे। उनकी उसी सोच ने इस संस्थान की नींव रखने के लिए प्रेरित किया। वर्तमान में यह शिक्षण संस्थान पूरे विश्व में अपनी आभा को फैला रहे हैं। उनकी मेहनत और लगन का परिणाम हैं कि शिक्षण संस्थान आज पूरे देश में अपना एक स्थान बना चुका है। वह गुरुवार को टीडी कालेज के बलरामपुर हाल में ठा. तिलकधारी की 147 वीं जयंती पर आयोजित संस्थापर दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
विशिष्ट अतिथि अरुणांचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद ने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने कार्यो के चलते अमर हो जाते हैं। उन्हीं नामों में एक नाम ठा. तिलकधारी सिंह का है। वह ऐसे महापुरुष थे जिनका नाम हमेशा अमर रहेगा। कालेज के प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान को देखने के बाद पता चलता है कि एक शताब्दी पहले उस महामानव की सोच कितनी दूरदर्शी रही होगी। शिक्षा व्यवस्था के कारण ही कालेज पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।

अध्यक्षता कर रहे डा. श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि विद्या मंदिर की स्थापना पुनीत कार्य है। उसको आगे बढ़ाने का काम शिक्षकों का है। डा. डीआर सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ईश्वर देव सिंह ने संस्थापक के जीवन पर प्रकाश डाला। विभिन्न कक्षाओं बेहतर अंक पाने वाले छात्रों के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चंद्रदेव, मंताराम, टुनटुन को सहयोग के लिए सम्मानित किया गया। 98 यूपी बटालियन की छात्रा सुमन यादव को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में प्रतिभाग करने पर सम्मानित किया गया। इसके पूर्व अतिथियों ने मां सरस्वती और संस्थापक की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
प्राचार्य डा. विनोद कुमार सिंह ने स्वागत किया। डा. जीडी दुबे ने कालेज की प्रगति आख्या प्रस्तुत किया। छत्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इस मौके पर डा. राजीव प्रकाश सिंह, डा. केडी सिंह, डा. एके रघुवंशी, ड़ा. राजीव रतन सिंह, डा. एसबी सिंह, डा. विजय कुमार सिंह, डा. अरविंद सिंह, डा. सरोज सिंह, डा. वंदना दुबे, डा. शशि सिंह, डा. अरुण कुमार सिंह, डा. हरिओम त्रिपाठी, डा. एमके त्रिपाठी, डा. अरुण कुमार सिंह, दुष्यंत सिंह आदि मौजूद थे। संचालन डा. आरएन ओझा ने किया।




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