जौनपुर। हिंदी साहित्य के मूर्धन्य विद्वान और आलोचक डॉ. नामवर सिंह के निधन पर शोकसभा साहित्य सृजन संस्थान कार्यालय पर डॉ. सत्य नारायण दुबे "शरतेन्दु" की अध्यक्षता में हुई।

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शरतेन्दु ने कहा कि डॉ. सिंह कई दशकों तक खुद हिंदी साहित्य के कृति मानव बने रहे। वे हिंदी के उन चंद व्यक्तित्व में थे जिनके पास न सिर्फ हिंदी बल्कि भारतीय भाषाओं के साहित्य की एक विहंगम और समग्र दृष्टि थी। दूसरी भाषाओं में हिंदी के जिस व्यक्ति को सबसे पहले याद किया जाता रहा वे नामवर सिंह ही थे। एक तरह से हिंदी के ब्रांड एंबेसडर थे।
डॉ. अजय कुमार दुबे ने डॉ. सिंह के निधन को हिंदी साहित्य का अपूरणीय क्षति बताया। श्री कुंवर शेखर गुप्ता ने उनके सरलता सहजता के साथ उन्हें कर्मयोगी बताया। डॉ. चंद्रभूषण पाठक, डॉ. योगेश, डॉ. रामेश्वर ने भी श्रद्धाजंलि अर्पित किया।





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