जौनपुर। मानव जीवन कर्म योग है। इसी शरीर से मनुष्य भवसागर से तर सकता है। भगवत प्राप्ति कर सकता है। यह बातें एकरसानंद आश्रम मैनपुरी से आए निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कही। वे मुंगराबादशाहपुर के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष स्व. मेवालाल साहू के सत्संग भवन में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।

जयपुर से पधारे शारदा पीठम के अधिष्ठाता स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि भक्तों में श्रद्धा समर्पण एवं विश्वास तीनों की आवश्यकता है। प्रयागराज से पधारे स्वामी श्यामानंद सरस्वती ने कहा कि जितना पाप जिंदगी भर मिलाकर नहीं कर सकते। इतनी क्षमता पाप को नष्ट करने की राम नाम में है। इस दौरान आचार्य राघवजी ने कहा कि जीवन के सारे पाप गंगा स्नान करने से धूल जाते हैं।
हरियाणा से पधारे रामानंद ने कहा कि जीवन में सच्चा गुरु मिलने से जीवन धन्य हो जाता है। इस दौरान हरियाणा के स्वामी रामानंद महाराज, आचार्य राहुल, कथावाचक सत्यव्रत सहित अन्य पधारे संतों ने भी अपने विचार प्रकट किए। कथा कार्यक्रम का संचालन देवी संपत मंडल के वरिष्ठ सदस्य कृष्ण गोपाल जायसवाल ने किया। कार्यक्रम के आयोजक अरविंद साहू बच्चा ने उपस्थित सन्त महात्माओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।




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