जौनपुर। सरहद की सुरक्षा में लगे सैनिकों में जौनपुर के जवान भी पीछे नहीं है। मौजूदा समय में तकरीबन साढ़े तीन हजार नौजवान देश की सुरक्षा में तैनात है। 1962 में हुए भारत चीन युद्ध से लेकर 14 फरवरी 2017 तक जिले के 17 जवानों ने शहादत दी है।
गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले के बाद पूर्व की घटनाओं में शहीद हुए जिले के सैनिकों की पड़ताल की गई। जिला सैनिक कल्याण बोर्ड एवं पुनर्वास कार्यालय के आकड़ों पर गौर करें तो भारत चीन युद्ध में 17 नवंबर 1962 को मछलीशहर तहसील क्षेत्र के फरीदाबाद बलवरगंज निवासी शंभूनाथ तिवारी शहीद हुए थे। इस घटना के ठीक दूसरे दिन 18 नवंबर 1962 को सदर तहसील के कुद्दूपुर निवासी जगदीश प्रसाद पाठक शहीद हुए थे। भारत पाकिस्तान की लड़ाई में 13 दिसंबर 1971 को बक्शा थाना क्षेत्र के करछुली कंधीकला निवासी बृजमोहन सिंह शहीद हो गए थे।

1965 में मछलीशहर के पराहित निवासी रामगरीब शहीद हुए थे। इनके अलावा आपरेशन ब्ल्यू  स्टार के दौरान 6 जून 1984 को अभयचंद पट्टी कलीचाबाद निवासी गिरधारीलाल यादव शहीद हुए थे। आपरेशन मेघदूत के दौरान 18 दिसंबर 1993 को जलालपुर थाना क्षेत्र के सेहमलपुर निवासी सतिराम यादव शहीद हुए थे। आपरेशन रक्षक में 8 दिसंबर 1998 को शाहगंज तहसील के गौसपुर सरायमोहिउद्दीनपुर निवासी महेंद्र प्रताप यादव, 2 जनवरी 2000 को महराजगंज के इब्राहिमपुर निवासी राजबहादुर सिंह, 19 सितंबर 2000 को चंदवक थाना क्षेत्र के नरकटा निवासी शकील अहमद खान, 13 अक्तूबर 2000 को केराकत के पटइल गांव निवासी सत्येंद्र प्रताप सिंह, 26 दिसंबर 2000 को केराकत के तेजपुर कुसरना निवासी धीरेंद्र प्रताप यादव, 9 सितंबर 2000 को चंदवक के मढ़ी गांव निवासी मनीष कुमार रघुवंशी शहीद हो गए थे।
इसी प्रकार 28 मई 2002 को केराकत के नेवादा गांव निवासी तेज बहादुर सिंह, 5 अक्तूबर 2004 को केराकत के नरहन निवासी जावेद खान, 27 सितंबर 2004 को सदर तहसील के गोपीपुर कजगांव निवासी राकेश कुमार सिंह, 18 सितंबर 2016 को सरायख्वाजा क्षेत्र के भकुरा निवासी राजेश कुमार सिंह और 14 फरवरी 2017 को बदलापुर के सुल्तानपुर निवासी आशुतोष कुमार यादव शहीद हो गए थे। इनके अलावा जिले में 2765 रिटायर्ड सैनिक हैं।




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