• उन्होंने कहा- श्रीमती अमरावती श्रीनाथ सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट की पहल है यह रथ
  • 24 घण्टे सक्रिय रहने वाले इस निःशुल्क सेवा से अब तक 7 हजार से अधिक लोग हो चुके हैं लाभान्वित

जौनपुर। स्वयं ईश्वर का भी कहना है कि ‘नर सेवा ही सच्चे अर्थ में नारायण सेवा होती है।’ इसी ढंग की सेवा के लिये समाजसेवी ज्ञान प्रकाश सिंह ने जो अडिग वीणा उठाया था, वह आज लगभग पूरा हो रहा है। जी हां, इसी जनपद की मिट्टी में जन्मे श्री सिंह वर्तमान में मुम्बई में व्यवसायिक दृष्टिकोण से रहते हैं लेकिन अपनी मातृभूमि का प्यार उन्हें जौनपुर से दूर नहीं रख पा रहा है। यही कारण है कि जनपद के कई विद्या मन्दिरों को गोंद लेने वाले श्री सिंह द्वारा एक निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा भी शुरू की गयी है जो 24 घण्टे सक्रिय रहती है। चिकित्सकीय सेवा के लिये इस निःशुल्क एम्बुलेंस के माध्यम से वर्तमान में 76 गांवों के 7 हजार से अधिक लोगों द्वारा उपचार किया जा रहा है।
इस बाबत पूछे जाने पर समाजसेवी श्री सिंह का कहना है कि उन्हें न सोहरत की लालसा है और न ही धन का लालच। बस मरीजों की सेवा करना उनके जीवन का मूल उद्देश्य बन गया है। गरीबों का निःशुल्क उपचार कर उन्हें नया जीवन देने की प्रेरणा अपने पिता श्रीनाथ सिंह से मिली है। जिला मुख्यालय से सटे बहुचर्चित गोधना गांव निवासी श्री सिंह ने उपचार के अभाव में कराहते मरीजों की पीड़ा को बहुत नजदीक से देखा है। बचपन से ही उनके मन में यह लालसा थी कि यदि ईश्वर ने सामर्थ्यवान बनाया तो गरीबों का निःशुल्क उपचार कराऊंगा। ईश्वर ने उनकी प्रार्थना को स्वीकार भी कर लिया। जीवन का मुकाम हासिल होने के बाद मां अमरावती सिंह व पिता श्रीनाथ सिंह के नाम से एक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर वह सामाजिक सरोकार में जुट गये।
उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम मुम्बई सहित सटे ग्रामीणांचलों में स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से जरूरतमंदों का उपचार कराकर अपने इस मिशन की शुरूआत की। सेवा रूपी गाड़ी को आगे बढ़ाते हुये श्रीमती अमरावती श्रीनाथ सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम उन्होंने निःशुल्क उपचार की शुरुआत कर दी। सम्बन्धित संसाधनों से लैस स्वास्थ्य सेवा रथ में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी रहते हैं जो सूचना पाते ही मरीजों के दरवाजे पर तत्काल पहुंचकर प्राथमिक उपचार के साथ ही बीमारियों के अनुसार उन्हें नजदीकी या सम्बन्धित अस्पताल पहुंचाते हैं। वहीं गांवों में शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के साथ दवाएं भी दी जाती हैं।
अपने अतीत की याद को ताजा करते हुये चैरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी श्री सिंह ने बताया कि उनके पिताजी खेती के साथ किराने की दुकान भी चलाते थे। उनके यहां आये दिन उपचार हेतु गरीब आते थे। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी पिता जी उनके पास आने वाले मरीजों की हरसंभव मदद करते थे। पिता जी की ही प्रेरणा से निःशुल्क सेवा रथ की शुरूआत किया हूं जो आज हर जरूरतमंद की आवाज बन गयी है।
उन्होंने बताया कि जरूरतमंदों की आवश्यकता को देखते हुये एक और स्वास्थ्य सेवा रथ जनता को शीघ्र ही समर्पित करूंगा। बीते वर्ष के सितम्बर माह से शुरू मेरे स्वास्थ्य सेवा रथ द्वारा ग्रामीणांचलों में शिविर लगाकर अब तक 7 हजार लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण करते हुये उन्हें नि:शुल्क दवाएं दी जा चुकी हैं।





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