जौनपुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन के लिये जो अभियान चला रखा है, वह प्रशंसनीय है किन्तु नौकरशाही पर लगाम लगाकर जनता के धन का दुरूपयोग रोकने के प्रयास नगण्य हैं।

उक्त बातें श्याम सुन्दर मिश्र पूर्व सचिव गोशाला जौनपुर एवं सदस्य उत्तर प्रदेश गोशाला संघ व सचिव पशु क्रूरता निवारण समिति ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है। उन्होंने आगे कहा कि नये गोशालाओं के लिये भूमि क्रय करना अथवा अधिग्रहण करना उचित है किन्तु प्रदेश की दुर्दशाग्रस्त गोशालाओं में छुट्टा पशुओं को रखने के प्रयास इसलिये नहीं किये जा रहे हैं कि उनको फण्ड देने से विशेष आदमनी बाधित होगी। बड़े पेट वालों से छोटी-मोटी कमाई हजम नहीं होती है।
गोशाला संघों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े करते हुये श्री मिश्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश गोशाला संघ की सदस्यता के बावजूद भी उन्हें किसी बैठक में नहीं बुलाया गया। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या पद प्राप्त करके कर्तव्य को भूल जाना ही गोसेवा है। अन्त में उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में बना गोसेवा आयोग भी सक्रियता नहीं दिखा रहा है।




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