यूरोपियन तकनीकी से भारत में बनेगा ट्रैक्टर ट्रॉली: डॉ. सूर्य कुमार | #AAPKIUMMID
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- प्रवासी भारतीय सम्मलेन में भाग लेने भारत आये है सूर्य कुमार
आज़मगढ़। सुसाइमो इंटरनेशनल लिमिटेड लंदन के संस्थापक निदेशक आज़मगढ़ जनपद के सोनापुर गांव के मूल निवासी एवं ब्रिटिश स्टील यूनाइटेड किंगडम के पूर्व बिजनेस डेवलपमेंट निदेशक डॉक्टर सूर्य कुमार सिंह ने शुक्रवार को पीडब्लूडी निरीक्षण भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के लिए प्रतिबद्ध है। मेक इन इंडिया से प्रभावित होकर वह भारत में जल्द ही ब्रिटिश डिजाइन और तकनीकी के साथ उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पादों का विनिर्माण शुरू करने जा रहे हैं। डॉ. सिंह वाराणसी में 21-23 जनवरी तक आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मलेन के लिए भारत आये हैं।
डॉ. सिंह को ग्लोबल वायर इंडस्ट्री में उनके तकनीकी योगदान के लिए WAI- USA के प्रतिष्ठित एलन बी डोव मेमोरियल अवार्ड मिल चुका है। डॉ. सिंह का वैश्विक इस्पात उद्योग में जाना माना नाम है। वे ब्रिटिश मानक संस्थान की तकनीकी समितियों, आयरन एंड स्टील मानकों के लिए यूरोपीय समिति और अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन के भी सदस्य है। उद्योग जगत के साथ ही साथ डॉ. सिंह इंपीरियल कॉलेज लंदन के अकादमिक विजिटर भी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि में प्रयोग होने वाले वाहनों के लिए भी नई तकनीकी का प्रयोग किया जायेगा। यूरोपियन तकनीकी से बने वाहन हल्के और मजबूत होंगे जिससे ईंधन की भी कम खपत होगी। उन्होंने कहा कि देश में ट्रैक्टर और ट्राली से सड़कों पर बहुत सारी दुर्घटनाएं होती है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ट्राली में बैक लाइट और ब्रेक न होना है। आने वाले समय में सुरक्षात्मक उपायों के साथ ट्रैक्टर ट्रॉली का विनिर्माण होगा। इसके लिए वह जमशेदपुर की एएसएल इंडस्ट्रीज के साथ संयुक्त रूप से काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र एक नया आयाम जोड़ा है। भारत में बहुराष्ट्रीय और घरेलू कम्पनियाँ अपने उत्पाद को बनाने के लिए प्रेरित हुई है इससे रोजगार के अवसर भी बढे है। उन्होंने कहा कि भारत में जब मैन्युफैक्चरिंग होगी तो उसकी लागत काम आएगी जिसके फायदा सीधे आम जनता को मिलेगा। वर्तमान समय में भारत जिन चीजों का आयत कर रहा है। मेक इन इंडिया से आने वाले समय में उनके निर्यात की संभावना बनेगी।
उन्होंने युवाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि अपने तरफ युवा सरकारी नौकरी के लिए परेशान होते है, उनमें बहुत ऊर्जा है अगर नौकरी न मिले तो स्वरोजगार अपनाना चाहिए। देश के बहुत से युवा स्वरोजगार अपनाकर दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं।