जौनपुर: शोध प्रक्रिया में विश्लेषण तकनीकों का प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण | #AAPKIUMMID
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित रिसर्च मेथोडोलॉजी विषयक 10 दिवसीय कार्यशाला में गुरुवार को प्रतिभागियों को शोध लेखन पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विद प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह ने शोधार्थियों को मेजरमेंट एवं स्केलिंग की उपयोगिता बताते हुए कहा कि इन तकनिकों का चयन बहुत बुद्धिमत्ता पूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। उन्होंने शोधार्थियों से एक्सल एप्लीकेशन की उपयोगिता की भी चर्चा की। कहा कि शोधार्थी यदि एक्सेल का ज्ञान अर्जित कर लें तो बहुत सारे विषयों का विश्लेषण शीघ्रता से किया जा सकता है।
अपराह्न सत्र को संबोधित करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रो. एसएम खान ने कहा कि शोध प्रक्रिया में विश्लेषण तकनीकों का प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है। तकनीकों का चयन शोध समस्या एवं उसके प्रकृति के अनुसार ही किया जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन निदेशक प्रोफेसर अजय द्विवेदी ने किया। इस मौके पर प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. मनोज कुमार पांडेय, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर आदि उपस्थित रहे।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विद प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह ने शोधार्थियों को मेजरमेंट एवं स्केलिंग की उपयोगिता बताते हुए कहा कि इन तकनिकों का चयन बहुत बुद्धिमत्ता पूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। उन्होंने शोधार्थियों से एक्सल एप्लीकेशन की उपयोगिता की भी चर्चा की। कहा कि शोधार्थी यदि एक्सेल का ज्ञान अर्जित कर लें तो बहुत सारे विषयों का विश्लेषण शीघ्रता से किया जा सकता है।
अपराह्न सत्र को संबोधित करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रो. एसएम खान ने कहा कि शोध प्रक्रिया में विश्लेषण तकनीकों का प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है। तकनीकों का चयन शोध समस्या एवं उसके प्रकृति के अनुसार ही किया जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन निदेशक प्रोफेसर अजय द्विवेदी ने किया। इस मौके पर प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. मनोज कुमार पांडेय, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर आदि उपस्थित रहे।