• मामला गाजीपुर में छात्रों को हत्या के लिए उकसाने वाला वक्तव्य देने का

जौनपुर। गाजीपुर में एक संगोष्ठी के दौरान छात्रों को हत्या के लिए उकसाने वाला वक्तव्य देने के आरोप में अधिवक्ता विकास तिवारी ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति राजाराम यादव के खिलाफ सीजेएम राहुल आनंद की कोर्ट में परिवाद दाखिल किया। कोर्ट में बहस हुई। कुछ बिंदुओं पर बहस के लिए मंगलवार को पत्रावली पुनः पेश होगी।
मामले के अनुसार अधिवक्ता विकास तिवारी ने कोर्ट में परिवाद पत्र दाखिल कर आरोप लगाया है कि 28 दिसंबर 2018 को गाजीपुर में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाराम यादव ने छात्रों को संबोधन में वक्तव्य दिया कि अगर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो कभी मेरे पास रोते हुए मत आना। किसी से झगड़ा हो तो उसकी पिटाई करके आना। बस चले तो मर्डर करके आना। उसके बाद हम देख लेंगे।
परिवादी के अलावा इस वक्तव्य को पंकज सोनकर, आशीष शुक्ला, आलोक राय आदि लोगों ने प्रिंट, सोशल व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 30 दिसंबर को देखा जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई क्षोभ व भय कारित हुआ। परिवादी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि कुलपति ने उच्च व जिम्मेदार पद पर होते हुए कानून के निदेशों की अवहेलना कर वक्तव्य दिये जिससे छात्रों में उत्तेजना व उन्माद को बढ़ावा मिला।
कुलपति ने भारत की एकता व अखंडता को तोड़ने का प्रयास किया एवं राजद्रोह का अपराध किया। छात्रों को हत्या के लिए उकसाया जिससे लोक शांतिभंग होने की संभावना पैदा हुई। कथन के समर्थन में अरुण जेटली बनाम स्टेट ऑफ यूपी की हाईकोर्ट की रूलिंग का हवाला दिया गया। परिवादी ने आरोपी कुलपति को तलब कर दंडित करने की कोर्ट से मांग किया है।

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