जौनपुर। केन्द्र सरकार की जन विरोधी एवं मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ अखिल भारतीय स्तर पर केन्द्रीय श्रम संगठनों, कर्मचारी संगठनों एवं औद्योगिक फेडरेशनों के संयुक्त आह्वान पर बीते 28 सितम्बर 2018 को देश की राजधानी दिल्ली में यह बताया गया कि 5 सितम्बर 2018 के दिल्ली धरने के बाद भी केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। मजदूर व कर्मचारी दिन-प्रतिदिन सरकार की नीतियों द्वारा शोषण का शिकार हो रहे हैं।
इसी को लेकर तय किया गया कि मजदूर कर्मचारी की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर के वर्ष-2019 के शुरूआत में ही सभी कर्मचारी चाहे वे राज्य या केन्द्र के हो, संगठित या असंगठित हों, देशव्यापी दो दिन आम हड़ताल पर रहेंगे। मुख्य रूप से राजकीय कर्मचारियों का 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 26000, 25.10.2018 का चिकित्सा प्रतिपूर्ति के शासनादेश की वापसी, मानदेय कर्मियों का न्यूनतम वेतन 18000, श्रम कानूनों को मालिकों के पक्ष में संशोधन, सभी सरकारी रिक्त पदों पर भर्तियां, सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, 12 मासी कामों में ठेका प्रथा, सभी संविदा कर्मी को नियमित कर्मी की घोषणा सहित 12 मांगों के समर्थन में जनपद के श्रमिक एवं कर्मचारी संगठनों की आयोजन समिति द्वारा 8-9 जनवरी को आम हड़ताल का आयोजन संयुक्त रूप से किया गया।
जौनपुर के कलेक्ट्रेट में 12 सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार
प्रदर्शन करते विभिन्न संगठनों से जुड़े कर्मचारी।
इसी क्रम में मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में विशाल धरने का आयोजन किया गया जो 9 जनवरी को समाप्त होगा। विभिन्न संगठनों द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार, जिला प्रशासन को मांगों के समर्थन में मांग पत्र दिया गया। धरनास्थल पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के बारे में चर्चा करते हुये यह भी कहा कि यदि सरकार शोषण के रास्ते को बन्द नहीं की तो आने वाले समय में संयुक्त कार्यक्रमों की अधिकता होगी जो मौजूदा सरकार के लिये हानिकारक सिद्ध होगी और जवाहदेही सरकार की होगी।
सभा में राज्य कर्मचारी महासंघ के समस्त घटक संघ, बैंकों के संगठन, डाकघर, बीएसएनएल, आंगनवाड़ी संघ, बीमा, विद्युत विभाग, आशा, पीआरडी सहित अन्य संगठनों के सदस्य धरने में सम्मिलित रहे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपना नैतिक समर्थन देते हुये धरने को सफल कराया। वहीं केन्द्रीय ट्रेड यूनियन की ओर से सीटू, एटक सहित अन्य लोगों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिये अपना सहयोग दिया।
इस अवसर पर राकेश श्रीवास्तव, अशोक यादव, अजय सिंह, अरविन्द यादव, रामकेश यादव, सुजीत सिंह, पारसनाथ यादव, संजय चौधरी, शिव कुमार यादव, अखिलेश उपाध्याय, प्रेमधर उपाध्याय, अच्छे लाल पाल, प्रमोद पाठक, सुनील राव, राम आसरे यादव, सीबी सिंह, चन्द्रशेखर सिंह, अशोक कुमार, बाबी आजाद, अवश्नी श्रीवास्तव, आरपी सिंह, राजेश रावत, विजय प्रताप सिंह, जय प्रकाश सिंह कामरेड, प्रवीण शुक्ला, रविशंकर मौर्य, किरन शंकर रघुवंशी, शशि यादव, डा. सुरेश चन्द्र, कल्लू कामरेड, काजिम रजा, रूपेन्द्र अस्थाना सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह, निखिलेश सिंह, शम्भूनाथ जायसवाल, अजय चौरसिया, राजेन्द्र यादव और संचालन उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के महामंत्री एवं उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत राज्य सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष संजय चौधरी व सीटू के प्रदेश मंत्री नीरज श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया।




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