जौनपुर: भविष्य के लिए पीने योग्य पानी बचाएं: प्रो. बीडी शर्मा | #AAPKIUMMID
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जौनपुर। विकासखंड करंजाकला के ग्राम पंचायत जासोपुर चकिया में ग्रामीण विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर प्रो. बीडी शर्मा ने कहा कि आज हम सबके सामने जलवायु परिवर्तन का बढ़ता प्रभाव सबसे बड़ी चुनौती है। बेमौसम बरसात, सूखा, ओलावृष्टि बड़ी चुनौती है। जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव समाज के निर्धन और कमजोर वर्ग पर पड़ रहा है। आज किसानी चौपट हो रही है जिसके कारण किसान किसानी छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने जल संरक्षण के प्रति प्रेरित किया। कहा कि यदि पानी नहीं बचाएंगे तो आने वाला दिन और भी खराब होगा। उन्होंने कहा कि पशुओं एवं गाड़ी की धुलाई में पानी कम खर्च करें। किसान बंधु फौव्वारा वाली सिंचाई करें। नहाने, कपड़ा धोने वाले, बर्तन धोने वाले पानी से घर में लिपाई पुताई करें। साग सब्जी वाटिका में इस्तेमाल करें। उन्होंने पानी को स्वच्छ रखने के लिए लोगों को प्रेरित किया।
प्रो. शर्मा ने कहा कि निजी नलकूपों का प्रयोग न करके सामूहिक नलकूप सबमर्सिबल का प्रयोग करें। गांव में पुराने तालाबों, पोखरे को संरक्षित करें। उसमें जलभराव करें। पानी बर्बाद होने से रोके, पानी की बर्बादी सिर्फ उस बर्बाद करने वाले को नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करती है। अगर आपका पड़ोसी पानी बर्बाद करता है उसका भी वाटर लेवल कम होता है। इसलिए इस अनमोल संसाधन को न वेस्ट करिए और न करने दीजिए। इस अवसर पर गांव के सैकड़ों महिला पुरुष उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन ग्रामीण विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान के अध्यक्ष रमेश यादव ने किया।
इस मौके पर प्रो. बीडी शर्मा ने कहा कि आज हम सबके सामने जलवायु परिवर्तन का बढ़ता प्रभाव सबसे बड़ी चुनौती है। बेमौसम बरसात, सूखा, ओलावृष्टि बड़ी चुनौती है। जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव समाज के निर्धन और कमजोर वर्ग पर पड़ रहा है। आज किसानी चौपट हो रही है जिसके कारण किसान किसानी छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने जल संरक्षण के प्रति प्रेरित किया। कहा कि यदि पानी नहीं बचाएंगे तो आने वाला दिन और भी खराब होगा। उन्होंने कहा कि पशुओं एवं गाड़ी की धुलाई में पानी कम खर्च करें। किसान बंधु फौव्वारा वाली सिंचाई करें। नहाने, कपड़ा धोने वाले, बर्तन धोने वाले पानी से घर में लिपाई पुताई करें। साग सब्जी वाटिका में इस्तेमाल करें। उन्होंने पानी को स्वच्छ रखने के लिए लोगों को प्रेरित किया।
प्रो. शर्मा ने कहा कि निजी नलकूपों का प्रयोग न करके सामूहिक नलकूप सबमर्सिबल का प्रयोग करें। गांव में पुराने तालाबों, पोखरे को संरक्षित करें। उसमें जलभराव करें। पानी बर्बाद होने से रोके, पानी की बर्बादी सिर्फ उस बर्बाद करने वाले को नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करती है। अगर आपका पड़ोसी पानी बर्बाद करता है उसका भी वाटर लेवल कम होता है। इसलिए इस अनमोल संसाधन को न वेस्ट करिए और न करने दीजिए। इस अवसर पर गांव के सैकड़ों महिला पुरुष उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन ग्रामीण विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान के अध्यक्ष रमेश यादव ने किया।