जौनपुर। फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ राजद्रोह व धार्मिक भावनाएं आहत करने का परिवाद परिवादी आनंद श्रीवास्तव ने सोमवार को एसीजे सीनियर डिविजन द्वितीय धनंजय मिश्र की अदालत में दाखिल किया जिसे संज्ञान में लेते हुए मजिस्ट्रेट ने दर्ज करते हुए परिवादी के बयान के लिए तिथि नियत की है।
अधिवक्ता आनंद श्रीवास्तव ने कोर्ट में परिवाद दाखिल कर कहा है कि अभिनेता द्वारा वेबसाइट पर भड़काऊ वक्तव्य दिया गया जिसे मीडिया पर देख व सुनकर उनकी व गवाहों की भावनाएं आहत हुईं। परिवादी की ओर से अधिवक्ता रवींद्र विक्रम सिंह व हिमांशु श्रीवास्तव ने कोर्ट में तर्क दिया कि नसीरुद्दीन शाह भली-भांति जानते हैं कि उनके वक्तव्य का देश के नागरिकों पर व्यापक असर पड़ता है। उन्हें इस देश ने इतना प्यार दिया, शोहरत दी और कई अवॉर्ड भी उन्हें मिले।
इसके बावजूद उन्होंने वेबसाइट पर वक्तव्य दिया कि देश के समाज के माहौल में काफी जहर फैल चुका है। हालात जल्दी सुधरते नजर नहीं आ रहे। हिंदुस्तान में डर लगता है, फिक्र है कि कल उनके बच्चों को किसी भीड़ ने घेर लिया और पूछा कि वह हिंदू है या मुसलमान तो उनके पास जवाब नहीं होगा। इस देश में कानून को हाथ में लेने की खुली छूट मिल गई है।
मीडिया में नसीरुद्दीन द्वारा यह वक्तव्य देकर परिवादी के अलावा अनीश श्रीवास्तव, शैलेश मिश्र, सूर्यमणि, बृजेश व देशवासियों के मन में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा व अवमान पैदा करने का प्रयास किया जो राजद्रोह की श्रेणी में आता है। उनमें भय व सुरक्षा की भावना पैदा हुई और उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई। देश में चारों तरफ उनके वक्तव्य का विरोध हो रहा है। देश की एकता व अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। परिवादी ने आरोपी अभिनेता को तलब कर दंडित करने की कोर्ट से मांग किया है।





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