जौनपुर। शीतला चौकियां धाम में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत व श्री राम कथा के दूसरे दिन कथा वाचक अखिलेश चन्द्र पाठक महाराज ने दुःख चिंता भय शत्रु रोग एवं मृत्यु से बचने के साधनों पर प्रकाश डालते हुए भागवत कथा प्रारम्भ किया।
उन्होंने कहा कि सत्संग विषम परिस्थितियों में समता बनाये रखने का साधन है। हम पहले मनुष्य हैं। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई यह सभी मानवता की शक्ति है। मानव जीवन में क्रोध व ईष्या विकास में सबसे बड़ा बाधक होता है। काम की प्रधानता से वुद्धि, विवेक, ज्ञान तीनों नष्ट हो जाता है। उपरोक्त सभी कठिनाइयों से बचने के लिए भागवत कथा संजीवनी बूटी है। उन्होंने कहा कि चार बातों को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए। अग्नि, रोग, शत्रु एवं पाप। ये चार चीज जीवन को नष्ट कर देती है।
इस अवसर पर अमरनाथ वर्मा, सुशीला वर्मा, राधारमण तिवारी, राजकुमार माली, रतन गिरी, कन्हैया, चंदा मौर्या, मनोज मौर्या, प्रवीण पंडा, निराले गिरी, सचिन गिरी, विपिन माली, विनय गिरी, अनिल गुप्ता, आशुतोष राय, विनोद सिंह, विनय माली, आकाश गिरी, सोनू गुप्ता, आकाश यादव, विकास गिरी आदि उपस्थित रहे।




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