जौनपुर। आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष राज यादव ने कहा है कि साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम योजना के अंतर्गत पूरे भारत वर्ष में पाँच लाख शिक्षा प्रेरक मात्र रुपया 2000 के मासिक मानदेय पर पिछले सात वर्ष से कार्य कर रहे थे। जिनकी संविदा 31 मार्च 2018 को समाप्त कर दी गई। प्रेरकों तथा समन्यकों का लगभग दो से तीन वर्ष का मानदेय भी केन्द्र सरकार पर बकाया पड़ा है।
उन्होंने कहा कि साढ़े पाँच लाख बेरोजगार शिक्षा प्रेरक देश, प्रदेश, जिला, तहसील तथा ब्लॉक पर बकाये मानदेय तथा संविदा बढ़ोत्तरी को लेकर भूख हड़ताल, आमरण अनसन, रैली, धरना प्रदर्शन कर सत्ता पक्ष के विधायक, सांसद, मंत्री से गुहार लगाते रहे लेकिन सत्ते में मशगूल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के पास इतना वक़्त नहीं था कि रुपया दो हज़ार मासिक मानदेय पर कार्य करने वालों प्रेरकों की गुहार सुन सके। गरीब शिक्षा प्रेरकों की मदद कर इनके घर परिवार को चलाने के लिये प्रेरकों का बकाया मानदेय और संविदा बहाल कर सके। पिछले दस महीने से बेरोजगारी की मार झेल रहे गरीब शिक्षा प्रेरकों को उनको उनका अधिकार दिलाने के बजाय बस आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहे। जो भारतीय जनता पार्टी की हार का मुख्य कारण बना है।
श्री यादव ने कहा कि अभी तो ये शुरुवात है। यदि भारतीय जनता पार्टी ने चेता नहीं और शिक्षा प्रेरकों का बकाया मानदेय का भुगतान तथा संविदा बहाल नहीं किया तो बाकी बचे राज्यों से भी निराशा ही हाथ लगेगी।





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