जौनपुर। कृष्णा हार्ट केयर एवं इनफर्टीलिटी सेंटर पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसे संबो‌धित करते हुए डा. हरेंद्र देव सिंह ने कहा कि मौसम के मुताबिक उतार चढ़ाव के आधार पर स‌र्दियों के मौसम को हार्ट अटैक का मौसम कहा जाता है। उन्होंने कहा कि 53 प्रतिशत घटनाएं हार्टअटैक की बढ़ जाती है। यह घटनाएं जनवरी के महीने में सर्वाधिक होती हैं। ह्रदय आघात का खतरा सुबह 6 बजे से दोपहर तक अधिक रहता है।
उन्होंने कहा कि उसका चिकित्सकीय पहलू है कि सुबह एड्रनलीन, कर्टिसाल अपने चरम पर स्राव पर रहते हैं। ब्लडप्रेशर सुबह सर्वाधित एवं सोते समय न्यूनतम होता है। सुबह किसी भी कोशिका की आक्सीन की आवश्यकता बढ़ी हुई होती है। सुबह रक्त में थक्का जमाने वाली प्रक्रिया में अधिक होती है। जैसे प्लेटलेट, एग्रीग्रेशन, थाम बाक्सेन की मात्रा अधिक बढ़ती है। ये सब दिल के दौरे को बढ़ावा देते हैं।
डा. मधु शारदा ने कहा कि छः दिन काम करते रहने और एक दिन आराम करने की वजह से तनाव कम होता है और इससे ह्रदयघात की 20 प्रतिशत घटनाएं कम होती है। उन्होंने कारणों को विस्तार से बताया और लोगों को ठंड में व्यायाम, योगा करने की सलाह दी। अन्य वक्ताओं ने बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि उचित उपाय ही खतरों से बचा सकती है।




DOWNLOAD APP