जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का 22वें दीक्षांत समारोह का आयोजन 5 नवम्बर को विश्वविद्यालय परिसर के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में किया जायेगा। दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने प्रथम प्रयास में स्नातक एवं स्नात्तकोत्तर में सर्वोच्च अंक पाने पर 58 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान करेंगे। माइकोलॉजी एवं पौध रोग विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व प्रो. उदय प्रताप सिंह को मानद उपाधि ‘‘डाक्टर आफ साइंस’’ से सम्मानित किया जायेगा। दीक्षांत समारोह में 116 धारकों को उपाधि एवं गणित में डॉ. सत्य प्रकाश सिंह को डीएससी की उपाधि दी जाएगी।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि ‘‘शान्ति स्वरूप भटनागर’’ पुरस्कार से विभूषित राष्ट्रीय भौतिकीय प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन, भारत सरकार के डॉ. राजारामन्ना विशिष्ट फैलो प्रो. विक्रम कुमार मुख्य अतिथि होंगे।

रविवार को महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी हाल में पूर्वाभ्यास किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शोभायात्रा से हुई, जिसमें विद्या परिषद, कार्य परिषद सदस्य शामिल रहे। शोभायात्रा का नेतृत्व कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने किया। समारोह में कुलाधिपति की भूमिका मेँ कार्य परिषद के सदस्य प्रोफेसर विलास के. तभाने रहे। बीएससी की मानद उपाधि से सम्मानित होने वाले प्रोफेसर यूपी सिंह की भूमिका में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बीबी तिवारी रहे।
कार्यक्रम के तहत गोल्ड मेडल प्राप्त विद्यार्थियों को मंच पर बुलाकर गोल्ड मेडल और प्रमाण पत्र दिया गया। इसके बाद सम्मानित होने वाले विद्यार्थियों और पीएचडी धारकोँ को प्रतिज्ञा कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने दिलाई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद वंदे मातरम और विश्वविद्यालय का कुलगीत छात्राओं ने गाया।
समारोह का संचालन डॉ. मनोज मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने किया। इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह प्रो. अविनाश पाथर्डी​कर, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. वंदना राय, प्रो. राम नारायण, प्रो. बीडी शर्मा, डॉ. राजकुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. केएस तोमर, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. रूश्दा आजमी, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. पुनीत धवन आदि उपस्थित रहे।