• इस्लाम अमन, शांति का मजहब है :  मौलाना इरशाद अब्बास
  • अय्यामें अजा के आखिरी दिन आयोजित हुई मजलिसें, निकला जुलूस हुआ मातम
  • बरामद हुआ शबीहे ताबूत, जुलजनाह व ताजिया अलम

जौनपुर। नगर में इमामे हसन असकरी अ.स. की शहादत के मौके पर अय्यामे अजा के आखिरी दिन शनिवार को जगह-जगह  मजलिसों के बाद शबीहे ताबूत, अलम, जुलजनाह व ऊंटों पर रखी अमारियों का जुलूस निकाला गया।
इस कड़ी में मोहल्ला ख्वाजा दोस्त पोस्तीखाना में इमामबाड़ा अब्बास मंज़िल पर मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना इरशाद अब्बास दानुपुर इलाहाबाद ने कहा  की आज अय्यामे अज़ा का आखरी दिन है और हम सब से मौला विदा हो रहे है लगातार 2 महीने आठ दिन तक हम सब कर्बला के शहीदों का गम मनाते रहे अगले साल जो ज़िंदा रहेगा वो ही मौला का गम मना सकेंगे,सोजखानी गौहर अली ज़ैदी व उनके हम नवा ने पढ़ा, मजलिस के बाद अंजुमन मजलूमिया के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ इनाम अली खां के आवास के पास पहुंचा जहां पर तकरीर डॉ. क़मर अब्बास ने किया। जिसके बाद अलम, तुर्बत व जुलजनाह बरामद हुआ।

जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ सिपाह पहुंचा यहाँ डा. कमर अब्बास ने तकरीर कर इमामे हसन अश्करी अ.स. के शहादत पर प्रकाश डाला।मौलाना हसन अकबर व मोहम्मद हसन नसीम ने भी तकरीर किया। जुलूस में नगर की सभी प्रमुख अंजुमनों ने नौहा व मातम किया यहाँ से जुलूस अपने कदीमी रास्ते से होते हुए सिपाह स्थित नबी साहब के रौजे पर पहुंचकर समाप्त हुआ।
इस मौके शाहिद हुसैन, यावर हुसैन, नुसरत हुसैन, मोहसिन रज़ा, मीसम हुसैन, वसी हैदर, मुस्तफा ज़ैदी, शमशीर हसन, नज़र हसन एडवोकेट, फैसल हसन तबरेज़, नसीम अब्बास, तामीर हसन शिबू, बब्बी खां आदि मौजूद रहे।
इसी क्रम में सिपाह मोहल्ला में इमामबाड़ा से भी जुलूसे आमारी निकाला गया। जिसमें अंजुमनों ने नौहा मातम कर करबला के शहीदों को खिराजे अकीदत पेश की। जुलूस अपने कदीम रास्ते से होते हुए नबी साहब इमाम बारगाह पहुंचा जहां ताजिया को सुपूर्दे खाक किया गया। इस मौके पर डॉ. मंसूर ज़ैदी, कर्रार हुसैन, अख्तर हुसैन आदि मौजूद रहे।