जौनपुर: पूर्व डीजीसी से मारपीट व लूटपाट से भड़के वकील | #AAPKIUMMID
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- पूरे दिन न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर जताया विरोध, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
जौनपुर। दीवानी न्यायालय के पूर्व डीजीसी राजेंद्र प्रसाद टाइगर के साथ अल्फस्टीनगंज स्थित पार्टी कार्यालय पर मारपीट व लूटपाट से आक्रोशित दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने दोषियों की गिरफ्तारी एवं अधिवक्ता राजेंद्र को सटाए गए असलहे के निरस्तीकरण की मांग की।अधिवक्ता राजेंद्र का आरोप है कि पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई के इशारे पर उन्हें मारा पीटा गया तथा रुपए व चैन लूटी गई। अधिवक्ता राजेंद्र की तहरीर पर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज हुई।
दीवानी न्यायालय के पूर्व डीजीसी राजेंद्र प्रसाद टाइगर ने संघ के अध्यक्ष बृजनाथ पाठक व मंत्री बरसातू राम को दरखास्त दी कि वह 15 वर्षों से दीवानी न्यायालय में अधिवक्ता हैं। पूर्व डीजीसी रह चुके हैं तथा सपा के कार्यकर्ता हैं। सपा के सभी कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं इसलिए आलाकमान तक उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। इसी वजह से पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई व कुछ अन्य नेता उनसे जलन रखते हैं।
बुधवार को 12 बजे दिन की घटना है। वह पार्टी के आमंत्रण पर सरदार पटेल की जयंती पर अल्फस्टीनगंज स्थित पार्टी कार्यालय पर गए थे। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे भी 2 मिनट बोलने का समय दिया जाए। इस पर पहले से खार खाए पूर्व मंत्री शैलेंद्र के ललकारने पर उनके सहयोगी राकेश यादव ने जान से मारने की नियत से उन पर रिवाल्वर सटा दिया तथा ललई के इशारे पर राकेश व सभासद अलमास ने उन्हें लात मुक्के से मारा पीटा तथा कहा कि अब पार्टी की मीटिंग में आए तो जान से मरवा देंगे।
ललई, उनके सहयोगियों ने उनका कॉलर पकड़ कर खींचा जिससे उनकी सोने की चैन निकल गई। आरोपियों ने चैन रख लिया। उनकी जेब से रुपए भी छीन लिए।दो अधिवक्ताओं ने घटना देखा। राजेंद्र का कहना है कि ललई से उन्हें जान माल का खतरा बना हुआ है। अधिवक्ताओं ने बैठक कर घटना की कड़े शब्दों में निंदा की तथा कार्य बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया।