• दीपावली से 4 दिन तक लगने वाले मेले में उमड़ता है सैलाब

  जौनपुर। जिले में राजस्वकर्मियों की धनउगाही से ग्राम समाज की सुरक्षित जमीनों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है जिसे खाली कराने में हीला-हवाली की जा रही है। इससे अवैध कब्जाधारकों का हौसला बढ़ता जा रहा है। यह मामला करंजाकला क्षेत्र के गिरधरपुर ग्रामसभा की है जहां मेले के लिये सुरक्षित जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है जिसकी शिकायत करने पर राजस्व विभाग लीपापोती व खानापूर्ति कर रहा है।
बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष दीपावली से लेकर 4 दिन तक भेलहिया दरगाह का विशाल मेला लगता है जहां जनपद सहित दूसरे जिले व प्रदेश से हजारों लोगों का जमावड़ा होता है। दमा के मरीज यहां भेला पीने के लिये आते हैं जिसकी मान्यता है कि यहां भेला पीने से रोग ठीक हो जाता है। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार लगभग 20 वर्षों से मेले की जमीन की लगभग साढ़े 14 बीघे जमीन पर 45 लोगों द्वारा कब्जा करके अवैध रूप से मकान बनवा लिया गया है।

इसकी वजह से मेलार्थियों को भीषण असुविधा हो रही है। जगह कम होने से अराजकता की स्थिति फैलती है जिसका अराजक तत्व लाभ भी उठाते हैं। इसको देखते हुये प्रशासन ने मेले की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही किया जिसके बाद उन लोगों को अपर तहसीलदार सदर के न्यायालय से बेदखली का आदेश हुआ लेकिन किसी को बेदखल नहीं किया गया। मेला निर्धारित स्थल पर न लगकर सड़क पर लगता है जहां अफरा-तफरी व अराजकता का माहौल बन रहता है।
इस बाबत पूछे जाने पर ग्राम प्रधान निकहत ने बताया कि वे निजी खर्च पर सफाई आदि की व्यवस्था कराती हैं जबकि प्रशासन स्तर से मेले को कोई सुविधा नहीं उपलब्ध करायी जाती। कुछ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगायी जाती है। एक वर्ष पूर्व जब प्रधान के पति अब्दुल हफीज ने अवैध कब्जाधारकों के विरूद्ध आवाज उठायी तो उन लोगों ने उनके घर पर हमला बोल दिया था। इस मामले में सरायख्वाजा थाने में मुदकमा दर्ज कराया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब स्थिति यह है कि दीपावली करीब आ रही है जिसके बाद लगने वाला मेला कैसे लगेगा, यह चिन्ता का विषय बना हुआ है। भीड़ होने पर भारी असुविधा व अफरा-तफरी स्वाभाविक है।  बता दें कि गांव में राउर बाबा का रौजा व मन्दिर है जहां भुनगा माई का स्थान है। भेलहिया मेला इसी मन्दिर से शुरू हुआ है।
मान्यता है कि भेला को दमा व पेट के असाध्य मरीज हाड़ी में उबालकर सीप में पीते है तो वे रोग मुक्त हो जाते है। बताते हैं कि भेला पीते समय हाथ व मुंह में देशी घी लगाया जाता है जिससे त्वचा न जले और न ही निशान पड़े। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि मेले की जमीन पर अवैध कब्जा हटवाया जाय।
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि ग्रामसभा की जमीनों, चरागाह, भीटा आदि की जमीनों पर अवैध कब्जा हटवाया जाय। जिला प्रशासन ने टीम बनाकर तमाम जमीनों को खाली कराया भी है लेकिन इधर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसमेे राजस्वकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जा रही है। वे कार्यवाही न करने के नाम पर सम्बन्धित लोगों से मोटी रकम लेकर मामले की लीपापोती कर रहे हैं।