• जिला स्वच्छता समिति की बैठक सम्पन्न
जौनपुर। जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वच्छता समिति की बैठक हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने 19 नवम्बर को विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर शासन के आदेशानुसार विभिन्न गतिविधिया कराये जाने के निर्देश दिये। इसके तहत घर-घर बैठक कर स्वच्छता हेतु व्यवहार परिवर्तित करना, ग्रामस्तरीय स्वच्छता जागरुक का आयोजन करना, प्रत्येक पंचायत घर पर खुले में शौचमुक्त भारत बोर्ड का लगाया जाना, पंचायत घरों पर दो गड्ढे वाले जलबन्द शौचालय का प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना। ठोस एवं सरल अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देना, नीले एवं हरे डस्टबिन के माध्यम से अपशिष्ट के पृथक्कीकरण के लिए जागरुक करना एवं बायोगैस इकाईयों की स्थापना करना आदि सम्मलित है।
जिलाधिकारी ने विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले ग्राम प्रधान, स्वच्छाग्राही एवं सफाई कर्मियों को सम्मानित करने के निर्देश दिये। उन्होंने ब्लाक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर गौरव यात्रा निकालने एवं जागरुकता गोष्ठी करने के भी निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने कहा कि अब खुले में शौच को रोकने के लिए धार्मिक मान्यताओं से जुड़े पेड़ पौधों- पीपल, तुलसी एवं बरगद लगाये जाय। जिलाधिकारी द्वारा जीओ टैगिंग अपलोडिग का कार्य शीघ्र करने, स्वच्छाग्रहियों के प्रोत्साहन धनराशि का शीघ्र भुगतान करने का निर्देश दिये गये।
बैठक में ग्राम प्रधान सिकरारा एवं अहिरौली तथा ब्लाक प्रमुख बक्शा एवं ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सुईथाकला के समिति को अवगत कराते हुए बताया कि जिन लाभार्थियों को शौचालय आवंटित किये जा चुके है उनके खुले में शौच जाने पर 100 रुपये का अर्थदण्ड लगाने का प्रस्ताव ग्राम सभा में किया गया है।
जिला पंचायत राज अधिकारी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत बेसलाइन सर्वेक्षण की सूची में संसोधन हेतु 03 अक्टूबर से 07 नवम्बर 2018 तक बेसलाइन से वंचित परिवारों का विशेष सर्वेक्षण कराया गया। सर्वेक्षण की सूची के लाभार्थियों के पात्रता का सत्यापन थर्ड पार्टी से कराये जाने पर विचार किये जाने एवं लाभार्थी सरकारी नौकरी में सेवारत हो, एक परिवार में एक ही शौचालय दिया जाय, लाभार्थी यदि पेंशन भोगी हो, लाभार्थी चार पहिया वाहन/ट्रैक्टर की स्वामी हो, लाभार्थी के पास अपना पक्का मकान हो (चार या चार से अधिक कमरे हो), लाभार्थी असलहे का स्वामी हो, लाभार्थी को पूर्व मे किसी भी योजना से शौचालय निर्माण की धनराशि दी गई हो, लाभार्थी द्वारा पूर्व से स्वयं के संसाधन से शौचालय का निर्माण कराया गया हो, लाभार्थी दो एकड़ या दो एकड़ से अधिक भूमि का स्वामी हो इस कटेगरी के लाभार्थियों को पात्रता की सूची से बाहर रखे जाने का प्रस्ताव का अनुमोदन समिति द्वारा किया गया।