• पूर्वांचल के आस्था की केन्द्र मां शीतला चौकियां धाम में चल रही श्रीराम कथा

  जौनपुर। पूर्वांचल की आस्था का केन्द्र मां शीतला चौकियां धाम में चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन मानस कोविन्द डा. मदन मोहन मिश्र ने कहा कि हमारे सनातन धर्म ग्रंथों में लिखी सारी बातें मानव जीवन की लिये हितकारी हैं।
गीता, भागवत व रामायण श्रवण करने मात्र से मानव का जीवन धर्म, परोपकार, दया के लिये मन बदलने लगता है। किसी पीड़ित को देखने के बाद उपचार करवाना, भूखे को भोजन कराना व असहायों की सहायता करना ही परमात्मा को पाने का सच्चा साधन है। इन सभी कर्मों को अपने जीवन में लोगों की सहायता करने से परमात्मा की कृपा हमेशा बनी रहती है। सत्संग प्रवचन में मानव जीवन के लिये प्रेरणादायक है। विश्व के लिये  कल्याणकारी हैं गीता, भागवत व रामायण।
जौनपुर के मां शीतला चौकियां धाम में चल रही श्रीराम कथा
में प्रवचन करते मानस कोविन्द डा. मदन मोहन मिश्र।
इसी क्रम में अखिलेश चन्द्र पाठक ने कहा कि भगवान विष्णु माता लक्ष्मम से कहते हैं कि हो सकता है कि मैं बैकुण्ठ में न मिलूं। योगियों के हृदय में न मिलूं। छीर सागर में न मिलूं। किसी मन्दिर में न मिलूं तो समझ लेना। जब कोई प्राणी अपने प्रेमवाणी से मुझे पुकारता है, मेरा भजन करता है, कीर्तन करता है, मुझे जप-तप कर भज लेता है तो मैं उस सत्संगी भक्त के लिये उसके हृदय में बस जाता हूं। ऐसे ही भक्तों के हृदय में मेरा निवास स्थान बन जाता है। 
वहीं प्रतापगढ़ से पधारे आशुतोष महाराज ने बताया कि परमात्मा कहते हैं कि हमारे लिये सभी जीव व प्राणी एक समान हैं। जगत के सभी चीजों में मेरा निवास है। सारी सृष्टि की रचना मैंने ही की है। गीता, भागवत, रामायण मानव जीवन को जोड़ने के साथ मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाती है।
इस अवसर पर मदन गुप्ता, हनुमान त्रिपाठी, सुरेन्द्रनाथ त्रिपाठी, सीतारमन सरण जी महाराज, सुरेन्द्र गिरी, त्रिलोकी नाथ माली, राजकुमार माली, अमरनाथ वर्मा, विपिनमाली सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। इस दौरान बताया गया कि धाम में चल रही यह 5 दिवसीय कथा प्रतिदिन सायं 7 से 10 बजे तक हो रही है।