जौनपुर। हिन्दुओं का सबसे बड़ा पावन पर्व दीपावली अंधेरे को प्रकाशवान बनाने वाला पर्व है जो सबके लिये रोचक है। वहीं नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिये भी खुशियों भरा त्योहार है। बड़ों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी पटाखा फोकर खुशियां मनाते हैं।

एक सप्ताह पहले से ही बच्चे मिट्टी के छोटे-छोटे खिलौने से खेलने में व्यस्त हैं। कोई जतोला तो कोई घण्टी बजाकर मिट्टी की धूल को जतोले में डालकर पीस रहा है। जतोले से बच्चों के दीपावली लगाव के विषय में बुजुर्ग इनराजी, खुरभुर, विपत नारायण का कहना है कि पहले गरीबी में दो जून की रोटी नसीब नहीं होती थी।
दीपावली जैसे त्योहारों पर बच्चे जतोला चलाकर खुशियां मनाते थे। उनकी सोच रहती थी कि उनके घरों में अन्न का भरमार होगा तभी जाते से पिसाई करके आटा तैयार होगा, उसी जाता की उपमा जतोले से है।