जौनपुर। कर्बला के नन्हें शहीद हजरत अली असगर की याद में नगर के ताड़तला मोहल्ले में अली असग़र कमेटी के तत्वाधान में अल्हादी प्रेस इमामबारगाह से जुलूस तीन रबी उल अव्वल में झूला, दुलदुल, अलम व ताबूत का मातमी जुलूस निकाला गया। सोगवारों ने नौहा व मातम करके अली असगर की शहादत को याद किया और आंसू बहाए। जुलूस की सोजखानी समर रज़ा व उनके हमनवा ने किया।
मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना आबिद रिज़वी फतेहपुरी ने कहा कि अली असगर कर्बला के मैदान में छह माह के थे। इमाम हुसैन को जब अपने इस छोटे बेटे की प्यास देखी न गई तो वो जंग के मैदान में बच्चे को लेकर आए और यजीदियों से दो घूंट पानी बच्चे को पिलाने को कहा। यजीदियों ने बच्चे की प्यास बुझाने के बजाए तीर चलाकर शहीद कर दिया।

मौलाना ने कहा कि कर्बला के मैदान में तमाम इस्लामी और मानवीय मूल्यों को पामाल किया जा रहा था। जिस इस्लाम ने पानी पर सभी का अधिकार बताया है, उसी इस्लाम के पैगम्बर के नवासे और उनके घर वालों को तीन दिनों तक भूखा-प्यासा रखा गया। इमाम ने बच्चे को कर्बला के मैदान में दफन कर दिया था, लेकिन यजीदियों ने उस मासूम की कब्र को खोदकर सिर को काट लिया।
मजलिस के बाद विशाल मातमी जुलूस निकला जिसमे अन्जुमन सज्जादिया, इंकलाबे हुसैनी लालदरवाज़ा, दुआएं ज़हरा, जाफ़रि सहित दर्जनों मातमी अंजुमनों ने नौहा व मातम किया। जुलूस की तकरीर रज़ी बिस्वानी, शोएब ज़ैदी एवं आभार भाजपा नगर मंत्री इमरान खान ने व्यक्त किया।
इस मौके पर सरपरस्त कल्बे हसन खान कल्लू नेता, बनिये जुलूस इमरान खान, आमिर सुहेल खान, बशीर खान, मोहम्मद शमीम अच्छू आदि मौजूद रहे।