• भदोही को मिला टाउन आफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस का दर्जा

सुरेश गांधी
भदोही। कारपेट इंडस्ट्री भदोही में आने वाले विदेशी खरीदारों को अब हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे। सडके चमाचम होंगी। सुबह शाम की बिजली कटौती से मुक्ति एवं दूषित पानी से निजात मिलेगी। डाइंग फैक्ट्रियों के लाइसेंस की राह न सिर्फ आसान होगी बल्कि प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर होने वाली अफसरशाही अवैध वसूली पर लगाम लगेगा। शिपिंग से लेकर मिलने वाली अन्य सरकारी लाभों वाली फाइलों पर अड़ंगेबाजी पर ब्रेक लगेगा। या यूं कहे कालीन निर्यात से संबंधित सभी काम अब धड़ाधड़ होंगे। क्योंकि केंद्र सरकार ने कारपेट इंडस्ट्री भदोही को टाउन आफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस (विशिष्ट निर्यात शहर) घोषित कर दिया है।
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के चेयमैन महाबीर प्रताप शर्मा, प्रथम उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह, सीनियर प्रशासनिक सदस्य उमेश गुप्ता व सीइपीसी निदेशक संजय कुमार का कहना है कि विशिष्ट निर्यात शहर घोषित होने से भदोही को कई योजनाओं का लाभ स्वतः मिलने लगेगा। इससे न सिर्फ कालीन निर्यात बढ़ेगा, बल्कि भदोही के विकास को गति भी मिलेगी। खासतौर से इसका फायदा उस वक्त ज्यादा मिलने लगेगा, जब कारपेट इंडस्ट्री समेत अन्य उद्योगों की डब्ल्यूूटीओं के चलते मिलने वाली इक्सपोर्ट लाइसेंस खत्म होगा।
बता दें, निर्यात नीति के तहत जो शहर 250 करोड़ रूपये और उससे अधिक का माल उत्पादन हस्तकरघा, कृषि, हस्तशिल्प और मत्स्यिकी क्षेत्र में करता है, उसे निर्यात में विकास की अपनी क्षमता के आधार पर निर्यात उत्कृष्टता शहर के रूप में अधिसूचित किया जाता है। उन्हें अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार यह मान्यता देती है। उन्हें मूल्य श्रृंखला में अधिक प्रगति करने एवं नए बाजारों को तलासने में सुविधाएं दी जाती है। इस योजना में जिन निर्यातकों ने निर्यात के विकास में बड़ी वृद्धि हासिल की है उन्हें निर्धारित सामान्य वास्तविक निर्यात लक्ष्य से स्थायी रूप से अधिक वृद्धितर निर्यात के आधार पर शुल्क मुक्त क्रेडिट अनुमत दी जाएगी। पुरस्कार टीयर के तरीके के अनुसार प्रदान किया जाएगा। इस मानक पर भदोही को काफी पहले ही विशिष्ट शहर का दर्जा प्राप्त हो जाना चाहिए था। लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की मांग पर यह दर्जा भदोही को दे दी है। आलोक वर्धन चतुर्वेदी, महानिदेशक विदेश व्यापार भारत सरकार ने मंगलवार को भदोही को टाउन ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस की सूची में शामिल करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
सीईपीसी के मुताबिक देश का कुल निर्यात 1000 करोड़ है। इसमें उत्तर प्रदेश से 60 प्रतिशत निर्यात होता है, जबकि यदि केवल भदोही जनपद की बात करें तो 1000 करोड़ में 45 प्रतिशत की आपूर्ति अकेले भदोही करता है। हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय ने सीईपीसी से भदोही से होने वाले निर्यात का अंकड़ा मांगा था। फिरहाल, देर से ही सही भदोही को टाउन आफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस का दर्जा मिलने से कालीन उद्यमियों में खुशी की लहर है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के चेयरमैन महावीर प्रताप उर्फ राजा शर्मा ने कहा कि अब भदोही के नाम की फाइलें ज्यादा तेज दौड़ेंगी और जाहिर है कि उनकी संस्तुतियों में भी तेजी दिखेगी। चेयरमैन ने बताया कि सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि केंद्र या प्रदेश सरकार को जाने वाली पत्रावली में भदोही के साथ टाऊन आफ एक्सपोर्ट एक्सलेंस लिखा होगा जो अपने आप में भदोही के लिए भारी रियायतों का रास्ता खोलेगा। इसके अलावा सरकार हमेशा चाहेगी कि यहां का निर्यात बढ़े इसलिए औद्योगिक नगरी की दूसरी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए धन यहां से प्राप्त हो रहे राजस्व के अनुसार मिलेंगे। कुल मिलाकर इस अधिसूचना से भदोही के विकास के दरवाजे खुल गए हैं। खासतौर से इसका लाभ तब और मिलेगा जब अगले छह महीनों में डब्ल्यूटीओं के चलते मिलने वाले इक्सपोर्ट लाइसेंस खत्म होंगे।