• विवेचक पर कानून की अवहेलना कर सही ढंग से विवेचना न करने व अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने का आरोप

जौनपुर। चंदवक थाना क्षेत्र के भूलनडीह में धर्मांतरण प्रकरण में विवेचक प्रभारी निरीक्षक केराकत अनिल कुमार सिंह द्वारा कानून की अवहेलना कर सही ढंग से विवेचना न करने की पुलिस अधीक्षक से शिकायत करते हुए वादी अधिवक्ता बृजेश सिंह ने विवेचक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। विवेचक ने आज तक गवाहों का बयान नहीं लिया।धीमी गति से विवेचना के कारण सबूत नष्ट हो गए व अभियुक्तों को फायदा पहुंचा।कानून में निर्धारित ढंग से विवेचना न कर कर्तव्य की उपेक्षा किए।

गाजीपुर जनपद के सोनियापार गांव निवासी प्रमोद दुबे, नंदकिशोर, राजेश दुबे, रमेश कुमार ने  वादी की दरखास्त के समर्थन में पुलिस अधीक्षक को शपथ पत्र के जरिए अपना बयान भेजा कि ईसाई केंद्र संचालक दुर्गा प्रसाद यादव अपने चार-पांच अन्य साथियों के साथ उनके गांव में ईसाई धर्म का प्रचार करने आया। उसने सनातन धर्म व मूर्ति पूजा का अपमान कर ईसा मसीह की जय बोलने व ईसाई धर्म ग्रहण करने को कहा।
सनातन धर्म के प्रति घृणा व वैमनस्य फैलाया। अब तक 8 गवाहों ने शपथ पत्र के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से बयान भेजा है जिसमें उन्होंने वादी अधिवक्ता के कथन का समर्थन किया है। उधर अधिवक्ता ने कोर्ट में मामले की प्रगति आख्या थाने से मंगाने की दरखास्त दिया। कोर्ट ने थाना केराकत से मुकदमे में प्रगति के संबंध में रिपोर्ट तलब किया।
बता दें कि अधिवक्ता बृजेश सिंह की दरखास्त पर कोर्ट ने दुर्गा प्रसाद यादव व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया। 5 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज हुई। वादी का बयान हुआ लेकिन उसके बाद से किसी भी गवाह का बयान पुलिस ने नहीं लिया। उधर दुर्गा प्रसाद हाईकोर्ट गया लेकिन हाईकोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करने से इंकार कर दिया और अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना में साक्ष्य मिलने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया।