• फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लाइज के तत्वावधान में आयोजित हुई बैठक

वाराणसी। मुम्बई फ़िल्म फेडरेशन द्वारा वाराणसी सिटी से 40 किलोमीटर दूर 300 एकड़ भूमि पर राज्य एवं केंद्र सरकार के सहयोग से फ़िल्म सिटी का निर्माण होगा। इससे स्थानीय कलाकारों को यहाँ वहाँ भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। शीघ्र ही मुम्बई फ़िल्म फेडरेशन द्वारा वाराणसी में ब्रांच ऑफिस खोला जाएगा। विशेष प्रशिक्षकों की देख रेख में यहाँ के स्थानीय और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं, कलाकारों को उचित प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन देकर उनका स्किल डेवेलपमेंट किया जाएगा जिससे वे फ़िल्म क्षेत्र से संबंधित सभी आयामों में रोजगार प्राप्त कर सके।

गौरतलब है कि बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को काम की तलाश में मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भटकना पड़ता है। बहुत सी क्षेत्रीय प्रतिभाओं को मंच न मिल पाने के कारण वे गुमनामी के अंधेरों में चले जाते है। मुम्बई फ़िल्म फेडरेशन की इस पहल से स्थानीय व क्षेत्रीय प्रतिभाओं को तलाश व तराश कर उनके हुनर को संभवतः एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल सकेगा।
FWICE का गठन 1956 में हुआ था। जिसका मूल उद्देश्य फिल्मों में काम करने वाले सभी पर्दे और पर्दे के पीछे रहने सभी कलाकारों व कार्यकर्ताओं का हित में काम करना रहा है। यह जानकारी संस्था के सचिव बीएन त्रिपाठी ने दी।
संस्था के सचिव बीएन त्रिपाठी का कहना है कि "मिट्टी का मोह उन्हें वाराणसी खींचकर वापस ले आया है। यहाँ की भूमि में फिल्मसिटी का निर्माण उनका अब परम् ध्येय है। फिल्म सिटी के निर्माण से रोज़गार के सृजन के साथ नए स्थानीय व क्षेत्रीय कलाकारों को मार्गदर्शन मिलने के साथ उनके शोषण पर रोक लगेगी। कार्यक्रम में विशेष रूप में शिरकत कर रही उभरती अदाकारा गरिमा मौर्य ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब वाराणसी व पूर्वांचल की धरती से उम्दा अभिनेताओं का जन्म होगा। वाराणसी में फ़िल्म सिटी बनना फ़िल्म जगत के लिये एक ऐतिहासिक प्रयास सिद्ध होगा। इस अवसर पर बीएन तिवारी, जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे, ट्रेजरार गंगेश्वर लाल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।