जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एवं विशेष न्यायाधीश अशोक कुमार दशम ने दहेज में मोटरसाइकिल व भैंस न देने पर पत्नी को मारपीट व जलाकर मार देने के आरोपी पति अलख नारायण यादव पुत्र विक्रमाजीत यादव निवासी गहरपुर-बनकट, जौनपुर को दस वर्ष का सश्रम कारावास व 7 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी।
कथानक के अनुसार मुकदमे के वादी जिलाजीत यादव निवासी लीलाधरपुर थाना औराई जिला संतरविदास नगर भदोही ने 20 अप्रैल 2013 को थाना बरसठी में प्राथमिकी दर्ज करायी कि उन्होंने अपनी भतीजी पूजा देवी का विवाह 27 मई 2010 को अलख नारायण यादव पुत्र विक्रमाजीत यादव निवासी गहरपुर-बनकट, जौनपुर के साथ किया था।
विवाह के बाद से ही ससुराल वाले दहेज में मोटरसाइकिल व भैंस की मांग को लेकर भतीजी को मारते-पीटते व प्रताड़ित करते थे। वह यह बात हम लोगों को बताती थी। 20 अप्रैल 2013 को फोन आया कि भतीजी पूजा जलकर मर गयी है।
मौके पर पहुंचने पर ज्ञात हुआ कि उसको दहेज लोभी पति अलख नारायण व उसके भाई श्याम लाल ने मारपीट कर जला दिया है। विवेचक द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया जहां कुल 6 गवाह परीक्षित कराये गये।
पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन व परिसीलन के बाद विद्वान न्यायाधीश अशोक कुमार ने अभियुक्त अलख नारायण यादव को पत्नी पूजा की दहेज हत्या करने व दहेज के लिये प्रताड़ित व मांग करने का दोषी करार देते हुये 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 7 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी। वहं साक्ष्य के अभाव में भाई श्याम लाल को बरी कर दिया गया।