• परशुराम-लक्ष्मण का अद्भुत मंचन देख दर्शक हुए रोमांचित
  • माधोपट्टी गांव की रामलीला में हुआ सीता स्वयंवर का मंचन

जौनपुर। सिरकोनी ब्लाक के अंतर्गत माधोपट्टी गांव में आदर्श रामलीला समिति के तत्वाधान में शुक्रवार को सीता स्वयंवर व परशुराम-लक्ष्मण संवाद का भावपूर्ण मंचन किया गया। रामलीला का शुभारंभ समाजसेवी धीरेन्द्र सिंह हिंडाल्को ने भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता की आरती उतार कर किया।

शुक्रवार की रात रामलीला मंचन में सीता स्वयंवर में जब राजागण धनुष हिला न सके तो राजा जनक के मन में बेटी विवाह को लेकर चिंता व्याप्त हो गयी। हताश होकर उहोंने कहा कि तजहु आस नजी निज गृह जाहू, लिखा न विधि वैदेही वहि बाहु। इस प्रकार उनके हताशा भरे वाक्य को सुनकर जहाँ लक्ष्मण का क्षत्रिय पुरुषार्थ जागृत हो उठा। वहीं विश्वामित्र ने राम को संकेत कर जनक का संताप दूर करने को कहा। इस पर रानी जब श्रीराम को धनुषशाला की ओर बढ़ते देखती है तो वे राजा से बालक को रोकने का आग्रह करती है। मगर ज्ञानी विदेह राज को विश्वामित्र के निर्णय पर अटल विश्वास था। इसलिए वे चुप रहते हैं। अन्त में राम शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए डोरी खीचते हैं तभी धनुष टूट जाता हैं। धनुष टूटते ही राजा का प्रण पूरा होता है और राम के गले में सीता वरमाला डालकर वरण करती हैं।
इस दौरान राम के जयकारे से पूरा वातावरण गुंजायमय हो जाता हैं। फिर लक्ष्मण व परशुराम के संवाद देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे। राम का अभिनय सनकी सिंह, लक्ष्मण राणा प्रताप सिंह, सीता कृष्णा सिंह, जनक सचिन सिंह, परशुराम रवि सिंह, रावण ध्यान चंद्र सिंह, दुष्ट राजा कृष्णकांत सिंह, साधु राजा का अभिनय टिंकू सिंह ने किया।
रामलीला का संचालन भासपा नेता राहुल सिंह सोलंकी ने किया। इस मौक़े पर प्रबन्धक वीरेन्द्र सिंह नत्थू मास्टर, कोषाध्यक्ष सागर सिंह, डायरेक्टर राहुल सिंह सोलंकी, महामंत्री बनवीर सिंह, प्रचार मंत्री केडी सिंह, प्रवण सिंह कल्लू, जितेंद्र सिंह डब्लू, अशोक सिंह बाबा, लालू सिंह, अनिल सिंह आदि उपस्थित रहे।