जौनपुर। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पात्रता सूची में नाम के बावजूद अपात्र व्यक्ति को आवास आवंटित कर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले में वादिनी के प्रार्थना पत्र पर अवर अभियंता, खंड विकास अधिकारी, सोंधी शाहगंज, ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने का आदेश सीजेएम राहुल आनंद ने थानाध्यक्ष सरायख्वाजा को दिया है।
ज्योति निवासी ग्राम जर्रो, थाना सरायख्वाजा ने अपने अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह के माध्यम से कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि वह अनुसूचित जाति की है। उसने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास के लिए आवेदन दिया था। उसका चयन भी हुआ। वर्ष 2016-17 के पात्रता सूची के क्रम संख्या 56 पर उसका नाम है लेकिन गांव के प्रधान समर बहादुर यादव, ग्राम विकास अधिकारी संजय यादव, खंड विकास अधिकारी सोंधी, शाहगंज, रामचरित्र यादव तथा अवर अभियंता शशिकांत प्रजापति ने षड्यंत्र करके कूटरचित दस्तावेज तैयार किया।

आवास योजना के नियमों का उल्लंघन करते हुए वादिनी के स्थान पर अपात्र व्यक्ति को आवास आवंटित कर आवंटित एक लाख बीस हजार रुपए निकाल लिए। वादिनी का आवास कम्पलीट दिखा दिया। जबकि वादिनी का आवास बना ही नहीं और न ही उसके खाते में कोई धनराशि आई। जानकारी होने पर 14 जून 2018 को उसने डीएम तथा नगर विकास सहायता एवं पुनर्वास राज्यमंत्री को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 21 जून 2018 को ऑनलाइन शिकायत किया।
जांच में बताया गया कि अपात्र व्यक्तियों से धनराशि की वसूली की कार्रवाई की जा चुकी है। इस प्रकार जांच करके गलत एवं भ्रामक रिपोर्ट तैयार की गई। अपात्र व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित करके लोकधन का दुरुपयोग किया गया और उसे नुकसान पहुंचाया गया। उसने थाना व एसपी को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गंभीर मामला पाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।