ग्रेटर नोएडा। जेवर कोतवाली क्षेत्र के दयानतपुर गाँव का मामला देखने को मिला है जहाँ पुलिस और दबंग द्वारा गरीबों को आये दिन सताया जा रहा है और योगी सरकार खामोश बैठी तमाशा देख रही है। पीड़ित ने इसकी शिकायत कोतवाली से लेकर एसएसपी दफ्तर में कई है। लेकिन पीड़ित को अभी तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। पीड़ित दर-दर की ठोकर खा रहा है। दरअसल मामला जेवर थाने के अंतर्गत आने वाले दयानतपुर गाँव का है जहाँ वीरेंद्र पुत्र महेंद्र की प्लॉट पर उसके ही दबंग जीजा ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।
ऐसी शिकायत लेकर जब वीरेंद्र नामक शख्स जेवर थाने गया तो चौकी इंचार्ज विजय सिंह ने इसे घरेलू मामला बताकर उसकी कोई भी मदद करने से साफ इंकार कर दिया। वीरेंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उनके पिता महेंद्र पुत्र हरफूल को 11 नवंबर 1979 को आवासीय योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा गाँव दयानतपुर में एक प्लॉट आवंटित हुआ था। जिसका पट्टा खसरा संख्या 635 रकघ्बा 100 वर्गगज है। इस प्लॉट पर वह मकान भी बनवा रहा था। जैसे ही वह बाहर गया उसके जीजा बिजेंद्र वल्लभगढ, हरियाणा, निवासी ने आकर उसपर कुछ स्थानीय गुंडों की मदद और पुलिस की मद्दत से अवैध कघ्ब्जा कर लिया और खुद अपना मकान बनवाने लगा है। इस मामले की शिकायत जब थाना जेवर में की गई तो पुलिस ने कोई कार्यवाही करने से इंकार कर दिया। जिससे पुलिस की भूमिका पर सीधे सीधे सवालिया निशान खड़ा होता है।
वीरेंद्र ने अब प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। और अपराधियों पर सख्त से सख्त कानून कार्यवाही करने की मांग की है! वीरेंद्र ने यह भी बताया कि बिजेंद्र ने उसके पिता महेंद्र उम्र 85 साल को शराब पिलाकर धोखे से किसी कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिये थे। इस बात का खुलासा स्वयं उसके पिता महेंद्र ने किया है। 
अब देखना यह होगा कि क्या प्रदेश या केंद्र सरकार इस गरीब परिवार को न्याय दे पायेगी या फिर कमजोर लोगों को सताने का दौर यूं ही जारी रहेगा। या पीड़ित यूंही सरकारी दफ्तरों के न्याय के लिए चक्कर काटता रहेगा।