लखनऊ। विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों का पालन न करना यूपी पॉवर कारपोरेशन के लिए महंगा साबित हो गया। आयोग ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। साथ ही आयोग ने यह भी आदेश दिया है कि अगर एक सप्ताह में आदेश का पालन नहीं किया गया तो रोजाना छह हजार रुपये का जुर्माना प्रतिदिन लगेगा। बिडिंग रूट के उत्पादन गृह लैंको अनपरा पावर लिमिटेड की पावर कार्पोरेशन के खिलाफ दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान नियामक आयोग ने यह आदेश दिया।
पावर कार्पोरेशन के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-142 के तहत यह जुर्माना लगाया गया है। पॉवर कारपोरेशन के सूत्रों का कहना है कि इस आदेश को पावर कार्पोरेशन लम्बे समय से इसलिये नहीं लागू कर रहा है, क्योंकि इसके तहत लैंको पावर को 499 करोड़ रुपये अतिरिक्त दर के एवज में देना पड़ेगा। जिसका भार प्रदेश के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा और आगे भी सैकड़ों करोड़ रुपये कार्पोरेशन को लैंको पावर को देना पड़ेगा। यह अतिरिक्त टैरिफ 16 पैसे प्रति यूनिट उपभोक्ताओं के लिए नुकसानदायक होगा। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि इस मामले में कार्पोरेशन भले ही उपभोक्ताओं का हित देख रहा है, लेकिन जिन मामलों में उपभोक्ताओं के हित में आयोग द्वारा कोई निर्णय समय-समय पर पारित किया जाता है उसे भी पावर कार्पोरेशन लागू करने में हीलाहवाली करता है। इसलिए इस जुर्माने की कार्रवाई को उपभोक्ता हितों से नहीं अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली के तहत देखा जाना चाहिए।

विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2012-13 में लैंको की वित्तीय स्थिति को देखते हुए उसकी बिडिंग रूट की दरों में लगभग 0.162 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की थी। आयोग ने 12 फरवरी 2013 से इस अतिरिक्त 16 पैसे प्रति यूनिट की दर को लागू किया था। जिसको पावर कार्पोरेशन मानने को तैयार नहीं था। तब से लेकर लगातार विवाद चल रहा था। लैंको पावर ने नियामक आयोग में पावर कार्पोरेशन के खिलाफ विद्युत अधिनियम के तहत मामला दाखिल किया था।