धर्मापुर जौनपुर। भारत की प्राचीनतम विद्या योग के क्रियात्मक एवं सैद्धांतिक पक्षों का नियमित और निरन्तर अभ्यास से पूरे शरीर में रक्त के साथ आक्सीजन का सुगमता पूर्वक प्रवाह होता रहता है। जिसके प्रभावों से बच्चों के मन और मस्तिष्क को सबल बनाया जा सकता है।
जौनपुर के धर्मापुर स्थित जूनियर हाईस्कूल विद्यालय में
योगाभ्यास करते छात्र-छात्राएं व शिक्षक।

यह बातें जूनियर हाईस्कूल कबीरूद्दीनपुर, धर्मापुर के प्रांगण में आयोजित योग प्रशिक्षण शिविर में खण्ड शिक्षा अधिकारी सुधा वर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय पर नियमित रूप से बच्चों को आसन और व्यायामों के साथ ध्यान और प्राणायामों की विविध प्रक्रियाओं का अभ्यास कराया जाए। योग के क्रियात्मक पक्षों का प्रशिक्षण देते हुए प्रशिक्षक अचल हरीमूर्ति ने बच्चों को व्यायाम, आसन, ध्यान और प्राणायामों का अभ्यास कराया। उन्होंने बताया कि बच्चों को धनुरासन, मकरासन, भुजंगासन, ताड़ासन, वृक्षासनों, भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, वाह्य प्राणायाम, भ्रामरी, उद्गीथ प्राणायामों, योगिक-जागिंग व सूर्य नमस्कार सहित ध्यान की विशेष प्रक्रियाओं का अभ्यास नियमित कराया जा रहा है।
इस मौके पर प्रधानाध्यापक मजाहिर आलम, ऊषा यादव, पद्माकर राय, आशा यादव, गोमती, मुन्ना लाल, संगीता देवी, महेन्द्र यादव, विजय कुमार, आनंद सिंह आदि उपस्थित रहे।