लखनऊ: राजधानी के छह हजार मेडिकल स्टोर रहे बंद , मरीज परेशान | #AAPKIUMMID
AAP KI UMMID | For Advertising Contact- 8081732332
लखनऊ। दवा व्यापार में ई-फॉर्मेसी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 28 अगस्त को जारी ड्रॉफ्ट के विरोध समेत अन्य मांगों के समर्थन में दवा व्यापारियों ने पूरे प्रदेश में शुक्रवार को दुकानें बंद रखीं। दवा व्यापारियों का कहना है कि ई-फॉर्मेसी को बढ़ावा देने से इसका असर सीधे मरीजों पर पड़ेगा। लोग गलत दवाएं मंगा लेंगे। उनकी जांच के लिए सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी।
दवा दुकानें ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के बैनर तले पूरे भारत में बंद का असर देखने को मिला। मरीज और तीमारदार दवा लेने के लिए बाजारों में भटकते रहे। वहीं, सरकारी और निजी अस्पतालों में दवा लेने के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ी। अधिक भीड़ और अव्यवस्था के चलते सरकारी अस्पताल में तो कई जगह मरीज बिना दवा लिए लौट गए। कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उप्र. के आवाह्न पर शुक्रवार को राजधानी की सभी दवा दुकानें बंद रहीं। लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन लखनऊ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश कुमार और कोषाध्यक्ष सुदीप दुबे ने संयुक्त रूप से बताया कि लखनऊ की सबसे प्रमुख बाजार अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट, गोमती नगर, अलीगंज, कैसरबाग, आलमबाग, चौक, मेडिकल कॉलेज समेत अन्य इलाकों में होलसेल व रिटेल की करीब छह हजार दवा दुकानें बंद रहीं।
वहीं, प्रदेश में करीब एक लाख 12 हजार दवा दुकानों पर ताला लटका रहा। दुकानदारों ने अमीनाबाद समेत अलग-अलग जगह पर सड़क पर सभाएं भी की। दुकानें बंद होने से करीब 90 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित रहा। खरीद और बिक्री दोनों पर असर रहा।