लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि एक दूसरे की घोर विरोधी पार्टियों सपा और बसपा अचानक एकदूसरे के करीब आने की कोशिश क्यों कर रही हैं? इसकी वजह धीरे-धीरे साफ हो रही हैं। घोर भ्रष्टाचार में लिप्त ये दोनों पार्टी के शीर्ष नेताओं को अपनी पूर्ववर्ती सरकारों में किस गए आर्थिक अपराध पर कार्रवाई का डर सताने लगा है इसीलिए ये ‘चोर-चोर मौसेरे भाई’ की कहावत को चरित्रार्थ कर रहे हैं।

प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई से घबराई सपा और बसपा आपस में लामबंद होने का दिखावा कर रही हैं, जिससे वह कड़ी कार्रवाई से बच सकें। जनता की हितैषी बनने का ढोंग करने वाली इन पार्टियों की हकीकत अब सामने आ चुकी है। बसपा के शासनकाल में मेरठ और इटावा समेत कई जिलों में छात्रों की संख्या ज्यादा दिखाकर किए गए छात्रवृत्ति घोटाले का भंडाफोड़ हो चुका है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच में पूर्ववर्ती विपक्षी सरकारों का भ्रष्टाचार पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। इतना ही नहीं भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) पिछली अखिलेश यादव सरकार में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सपा और बसपा ने जिस तरह से छात्रों के स्कॉलरशिप का पैसा हड़पा उसे जनता कभी माफ नहीं करेगी। जनता के प्रकोप से बचने के लिए ही ये दल अब एक होने का दिखावा कर रहे हैं। विपक्षी सरकारों के नेताओं ने एक ओर जहां विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति को हड़पकर उसका पैसा अपने ऐशोआराम में खर्च करने का काम किया वहीं मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने छात्रवृत्ति में इजाफा करते हुए इससे अधिक से अधिक छात्रों को आच्छदित करने का प्रयास किया है।
प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने बताया कि भाजपा सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना का लाभ लेने के लिए निर्धारित आय सीमा में बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति के कक्षा नौ और दस के विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में 750 रुपए की वृद्धि करते हुए इसे तीन हजार रुपए सालाना कर दिया है। इसके अलावा भाजपा सरकार ने एक ऐसा फुलप्रूफ तंत्र भी बनाया है जिससे छात्रवृत्ति का पैसा हर पात्र विद्घार्थी तक पहुंच सके।