जौनपुर। सिकरारा थाना क्षेत्र के अपहरण के एक मामले में हाई कोर्ट द्वारा उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न करने एवं अपह्रता व अपहरणकर्ता को सुरक्षा प्रदान करने का एसपी को आदेश देने के बावजूद अपह्रता को थाने पर प्रताड़ित किया गया। अपह्रता ने आरोप लगाया की हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीजेएम ने विवेचक को पीड़िता का बयान लेने के लिए आदेश दिया।

20 सितंबर को जब वह महिला थाने पर पहुंची तो महिला पुलिस ने जबरन अपनी मर्जी से गलत बयान लिखाया।सीडी भी बंद कर दिया जा रहा था। विरोध करने पर उसे कई थप्पड़ मारे गये।अपह्रता ने सीजेएम कोर्ट में दरखास्त दिया। कोर्ट ने विवेचक को आदेश दिया कि हाईकोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन हो। कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही अपह्रता या अपहरणकर्ता के साथ नहीं होनी चाहिए।
उधर पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक को दरखास्त दिया कि वह अपनी मर्जी से आरोपी दीपक के साथ गई और उसके साथ शादी करके रह रही है। वह बालिग है। उसकी मां,चाचा व मामा उसे व दीपक को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।
बता दें कि पीड़िता के परिजन ने सिकरारा थाने में उसके अपहरण की प्राथमिकी आरोपी दीपक के खिलाफ दर्ज कराया था।अपह्रता व अपहरणकर्ता हाईकोर्ट गए। वहां उसने अपने को बालिग बताते हुए अपनी मर्जी से दीपक से शादी करके साथ रहना बताया। हाईकोर्ट ने सीजेएम को आदेश दिया कि अपह्रता का पुलिस व मजिस्ट्रेट द्वारा बयान लिया जाए। सीएमओ से मेडिकल कराया जाए। कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं हो।पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि दोनों को सुरक्षा प्रदान करें।