लखनऊ। मोहनलाल गंज पुलिस ने आज एक ऐसी महिला जालसाज को उसके दो साथियो के साथ गिरफ्तार किया है जो पुलिस की वर्दी पहन कर न सिर्फ लोगो को डराती धमकाती थी बल्कि वर्दी के रौब मे चेकिंग के नाम पर भी गाड़िया रोक कर वसूली करती थी, मोहनलाल गंज पुलिस ने आज सुबह इस फर्जी महिला इन्स्पेक्टर को उसके दो साथियो के साथ फुलवारी मोड़ के पास से उस समय गिरफ्तार किया जब वो गाड़िया रोक कर चेकिंग कर रही थी। मोहनलालगंज के फुलवारी तिराहे के पास महिला इन्स्पेक्टर द्वारा वाहनो से की जा रही चेकिंग की खबर सुन कर जब मोहनलालगंज पुलिस मौके पर पहुॅची तो फर्जी महिला इन्स्पेक्टर ने मोहनलालगंज पुलिस को अर्दब मे लेते हुए अपने आपको अमेठी कोतवाली का कोतवाल बताया।


महिला पुलिस इन्स्पेक्टर पर पुलिस को तब शक हुआ जब पुलिस की नजर उसके जूतों पर पड़ी क्यूंकि असली इन्स्पेक्टर अगर वर्दी मे होगा तो उसे ब्राउन रंग के जूते पहनना अनिवार्य है लेकिन महिला इन्स्पेक्टर काले रंग के जूते पहने हुए थी । कहा जाता है कि अपराधी चाहे जितना भी चालाक क्यूं न हो लेकिन कोई न कोई सुराग जरूर छोड़ जाता है। फुलवारी तिराहे पर वाहनो से अवैध चेकिंग कर रही महिला इन्स्पेक्टर ने न तो अपनी वर्दी पर ठीक से स्टार लगाए थे और न ही उसने नियम के तहत बेल्ट लगाई थी मोहनलालगंज पुलिस ने जब उसे पकड़ कर कड़ाई से महिला निरीक्षक से उसका पीएनओ नम्बर और बैच के सम्बन्ध मे पूछताछ की तो वो टूट गई और उसने अपना जुर्म कुबूल करते हुए पुलिस के बताया कि वो असली इन्स्पेक्टर नही है बल्कि फर्जी इन्स्पेक्टर है ।


पुलिस ने अमेठी कोतवाली के सीयूजी नम्बर पर बात करके भी स्पष्ट कर लिया कि ये महिला पुलिस की वर्दी कर दुरूपयोग कर रही है। मोहनलालगंज पुलिस ने फुलवारी तिराहे पर वाहनो से अवैध चेकिंग कर रही इन्दौरा रायबरेली की रहने वाली फर्जी महिला इन्स्पेक्टर शाहीन बानो उसके फर्जी हमराही हरचन्दपुर रायबरेली निवासी जितेन्द्र और स्कार्पियो के चालक बछरावां निवासी राम किशोर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की वर्दी मे अवैध वसूली करते पकड़ी गई महिला लम्बे समय से वर्दी का दुरूपयोग कर रही थी जिसे आज गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले जीआरपी चारबाग मे भी ऐसे ही दो फर्जी इन्स्पेक्टरो को पुलिस ने पकड़ा था जिसमे एक महिला और एक पुरूष था इसके अलावा पहले कई बार प्रदेश के अलग अलग शहरो मे इस तरह के लोग गिरफ्तार किए जा चुके है जो या तो वर्दी मे पकड़े गए या सादे कपड़ो मे कुछ लोग ऐसे भी गिरफ्तार किए जा चुके है जो पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे को दागदार कर अपने आपको पत्रकार बताते थे।
लेकिन सवाल ये उठता है कि कई बार वर्दी मे गिरफ्तार किए गए फर्जी पुलिस कर्मियो की गिरफ्तारी के बाद भी ऐसे नियम आज तक लागू नही हो पाए जिससे गैर पुलिस कर्मी को वर्दी खरीदना अपराध की श्रेणी मे माना जाए।