जौनपुर। हो संघर्ष करने का जज्बा तो कुछ भी हो सकता है, इसकी बानगी जौनपुर के युवा नेता विकास तिवारी के संघर्षों को देखने से मिलती है। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री का आवास पालिका परिषद रामनगर, वाराणसी के पुराना रामनगर वार्ड में स्थित है। विकास तिवारी ने बताया कि उक्त आवास को वर्ष 2008 में तत्कालीन सांस्कृतिक मंत्री सुबाष पाण्डेय की पहल पर व राज्य सरकार के अनुरोध पर स्व. शास्त्री के पुत्रगण द्वारा संग्रहालय बनाने के लिए सरकार को दे दिया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ढकी हुई प्रतिमा।

लाल बहादुर शास्त्री के आवास पर संग्रहालय बनाने का कार्य वर्ष 2011 से प्रारम्भ होकर वर्ष 2015 में पूर्ण हुआ। संग्रहालय के बाहर लाल बहादुर शास्त्री की एक प्रतिमा स्थापित की गयी। विगत तीन वर्षों से अनावरण न हो पाने के कारण प्रतिमा ढकी रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन 6 मार्च 2017 को स्व. शास्त्री के आवास पर हुआ। लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। लेकिन अनावरण का कार्य सम्पन्न नहीं हो सका। स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसी व्यवस्था की गयी थी कि ढकी हुई प्रतिमा प्रधानमंत्री को दिखाई न दे सके।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन 23 नवम्बर 2017 को रामनगर हुआ लेकिन लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा व संग्रहालय का अनावरण कार्य नहीं हुआ। ऐसे में यह यक्ष प्रश्न बना कि आखिर अनावरण के लिए किसका इंतजार और कितना होगा। पूर्व प्रधानमंत्री के आवास की देखरेख के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की गयी थी। आवास को देखने के लिए देश विदेश से सैलानी आते हैं और आवास के पास गली में गन्दगी फैली होती है, जिससे देश के प्रति गलत संदेश जाता है।

उक्त प्रकरण को युवा नेता विकास तिवारी ने गम्भीरता से उठाया। लम्बी लड़ाई व जद्दोजहद के बाद सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल श्री रामनाईक 27 सितंबर को लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा व संग्रहालय का अनावरण करने के लिए आ रहे हैं। उक्त अनावरण कार्यक्रम के संदर्भ में आमंत्रण पत्र प्राप्त होने पर युवा नेता विकास तिवारी ने इस बात की खुशी प्रकट किया है कि सरकार ने फरियाद तो सुनी।