• भुखमरी के कगार पर पहुंचा परिवार, मां ने खोली चाय की दुकान

जौनपुर। पुलिस कब किसको अपराधी बनाकर जेल भेज दें। इसका उदाहरण केराकत के थानागद्दी निवासी युवक श्रीराम जायसवाल है। उसका गुनाह सिर्फ इतना है कि क्राइम ब्रांच के दरोगा एवं सिपाहियों को उसने हफ्ता नहीं दिया। और इसकी शिकायत तत्कालीन एसपी से कर दी। एसपी ने क्राइम ब्रांच के दरोगा एवं सिपाहियों को कैंप कार्यालय बुलाकर न केवल पैसा लौटवाया बल्कि उन्हें फटकार भी लगाई। इसके बाद जिले की पुलिस बदले की भावना से काम करने लगी। 
पुलिस ने दो सालों में शिकायतकर्ता श्रीराम जायसवाल को पांच बार अलग-अलग मामलों में जेल भेज दिया। तकरीबन एक साल तक युवक को इन आरोपों में जेल की हवा खानी पड़ी है। युवक ने ऐसे पुलिस कर्मियों को सबक सिखाने के लिए ठान लिया है। उसने एसपी से लेकर डीजीपी तक का दरवाजा खटखटाया है। पूरे मामले में जांच बैठा दी गई है। पूरे मामले की जांच वाराणसी के अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को सौंपी गई है। जांच शुरू होते ही पुलिस कर्मियों की बैचैनी बढ़ गई है।
केराकत थाना क्षेत्र के थानागद्दी निवासी श्रीराम जायसवाल बैंक से ऋण लेकर जुता चप्पल की दुकान थानागद्दी में खोलकर गुजर बसर कर रहा था। 15 मई 2016 को क्राइम ब्रांच के सिपाही एवं दरोगा सूूमो गाड़ी से पहुंचे। बोले शराब का धंधा करते हो? उसने कहा कि आप लोगों को गलत फहमी हो गई है। कोई और होगा। वह ऋण लेकर दुकान चला रहा है। क्राइम ब्रांच के सिपाहियों ने दस हजार रूपये पाकेट से उसके निकाल लिये। और एक सिपाही का मोबाइल नंबर कागज पर लिखकर देते बोले इस पर हर माह पचास हजार रूपये फोन कर पहुंचा देना। नहीं तो जेल में सड़ जाओंगे। श्रीराम जायसवाल एक दिन बाद एसपी आवास पहुंचा और तत्कालीन एसपी आरपी सिंह को घटना से अवगत कराया। एसपी ने क्राइम ब्रांच टीम को तलब कर फटकार लगाई। और निलंबित कर दिये। संयोग से उसी दिन उनका ट्रांसफर हो गया। तो उन्होंने निलंबन आदेश जारी नहीं किया।
आरोप है कि जांच समाप्त होते ही 22 जनवरी 2017 को क्राइम ब्रांच के सिपाहियों ने श्रीराम जायसवाल को उसके घर से उठा लिया। उसे चंदवक थाने में बेरहमी से तत्कालीन एसओ ने पिटाई कर शराब तस्करी में जेल भेज दिया। तकरीबन बीस दिनों तक श्रीराम को जेल में रहना पड़ा। जमानत पर छूटा तो 21 अप्रैल 17 को केराकत पुलिस ने गांजा बरामद दिखाकर जेल भेज दिया। जेल से छूटने के बाद श्रीराम पुलिस की डर से घर छोड़ कर बलिया जिले के एक होटल में वेेटर का काम करने लगा।
उधर पुलिस ने दो मामलों में श्रीराम जायसवाल को फरार घोषित कर कुर्की की नोटिस जारी करा दी। इस मामले में श्रीराम जायसवाल कोर्ट में हाजिर हुआ जहां कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। दो माह जेल से रिहा हुआ तो केराकत के तत्कालीन इंस्पेक्टर ने एक लाख की डिमांड की। इसकी अधिकारियों से शिकायत किया तो उसे गैंगेस्टर में निरूद्व कर जेल भेज दिया। जेल से छूटने के बाद पूरा परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई है। उसकी मां चाय की दुकान खोल परिवार का खर्च उठा रही है। जो भी हो इस मामले में आईजी के निर्देश पर एसपी ग्रामीण वाराणसी ने अगस्त माह में पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। श्रीराम जायसवाल का बयान दर्ज हो चुका है। एसपी दिनेशपाल सिंह का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर निर्दोष को जेल भेजा गया होगा तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।