सचिन समर
जौनपुर। तुम्हारी जगह हम रहेंगे लेकिन तुम मेरी जगह मत रहो। निरंतर बढ़ती जनसंख्या इस बात को चरितार्थ करती है कि पशुओं के रहने के स्थान पर मनुष्य निवास कर रहे हैं और उनको सड़कों पर छुट्टा छोड़ रहे हैं।
सद्भावना पुल जौनपुर का जुहू कहा जाता है। यहां पर लोग सुबह शाम सैर करने के लिए आते हैं। इस जगह की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर मनुष्य और पशुओं को समानता का अधिकार है। दोनों सुबह-शाम सैर कर सकते हैं। राहगीरों को पशुओं से कोई समस्या नहीं होती। अगर कोई वाहन चालक किसी पशु से टकराकर गिर भी जाता हैं तो उठकर फिर वे अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं।

नगर पालिका के साथ-साथ पशु पालक भी मजे में हैं। दूध दुंहने के समय गाय को पकड़ लेते हैं फिर विचरण के लिए छोड़ देते हैं। अगर आप इस मार्ग से गए होंगे तो यहां की हालत जानते होंगे। स्वच्छ भारत अभियान भी इस जगह पर लागू नहीं है क्योंकि पशुओं के लिए शौचालय का निर्माण करवा पाना असंभव है।
नगर पालिका भी बेचारी पशुओं पर और उनके मालिकों पर कब तक रहम करें जब तक कोई बड़ी दुर्घटना ना हो जाए? फिर उसके बाद बड़ा आदेश आएगा कि पशुओं को छुट्टा छोड़ने पर होगी कार्रवाई।