जौनपुर। शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से लापता युवती के मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस चुप बैठ गई। लापता युवती ने एक माह पहले पिता को फोन पर बताया था कि वह मुंबई में है और बदमाशों की चंगुल में फंस गई है। उसकी जान खतरे में है। डरी सहमी बेटी की आवाज सुनने के बाद परेशान पिता की तहरीर पर पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट जरूर दर्ज कर ली लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। थक हारकर लड़की के पिता ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर बेटी की जान बचाने की गुहार लगाई है।
स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के नटौली गांव निवासी 20 वर्षीय युवती आठ माह पहले घर से शाहगंज के लिए निकली तो नही लौटी। तमाम संभावित ठिकानों पर तलाश के बाद लड़की के पिता ने पुलिस को सूचना दी थी। आरोप है कि तत्कालीन कोतवाल ने यह कहते हुए तहरीर लेने से मना कर दिया था कि बेटी बालिग है तो उसे कहीं भी आने जाने का हक है। वह अपने मन से किसी के साथ गई होगी आ जाएगी। काफी मिन्नतों के बाद पुलिस ने लापता होने के एक माह बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज जरूर की लेकिन उसकी तलाश के लिए कोई कार्रवाई पुलिस ने नहीं किया। इधर एक माह पहले लापता बेटी ने अपने पिता को फोन पर बताया कि वह मुंबई में है और बदमाशों की चंगुल से निकल नहीं पा रही। ये लोग उसकी हत्या कर सकते हैं। उसने खुद की जान बचा लेने की गुहार पिता से लगाई।
स्थानीय पुलिस ने इसके बाद भी कुछ सुनने को तैयार नहीं हुई तो लड़की के पिता ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर बेटी का जान बचाने की गुहार लगाई है। एसपी को दिये प्रार्थना पत्र में लड़की के पिता ने कहा है कि जिस वक्त बेटी उनसे फोन पर बात कर रही थी उस वक्त वह डरी सहमी हुई थी। बात करते समय ही किसी पुरुष ने उससे मोबाइल छीन लिया और गाली देते हुए कहा कि अगर पुलिस से शिकायत की तो बेटी को जिंदा नहीं पाओगे। इसके बाद से कभी फोन नहीं आया।