जौनपुर। मुंबई के रास्ते जौनपुर पहुंचकर भटक रहे बंगाल के एक 12 वर्षीय बच्चे को भ्रष्टाचार मुक्ति संघर्ष मोर्चा ने घर भेजवाने की कवायद शुरू कर दिया है। यह युवक बंगला बोल रहा है। अपना पूरा पता उसके बंगला भाषा में ही बताया। लोगों को समझने में दिक्कत हुई। वह बंगाल के पिग्ला जिले के जुलचैक गांव का निवासी बता रहा हैं। वह अपना नाम असीम डिंडा बता रहा है।
15 दिन पूर्व गांव के ही एक युवक के बहकावे में मुंबई भाग गया था। मुंबई पहुंचते ही उसका दोस्त असीम का मोबाईल लेकर भाग गया। जिसके कारण इधर उधर भटकते हुए जौनपुर आने वाली ट्रेन में सवार हो गया और जौनपुर आ गया। उसने बताया कि वह यहां आने के बाद पिछले तीन—चार दिनों से भटक रहा है। इसी दौरान भ्रष्टाचार संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ता की नजर उस बच्चे पर पड़ी। उन्होंने उससे पूछताछ की तो वह अपनी आप बीती सुनाई। जानकारी होने पर विराज ठाकुर ने एसपी केके चौधरी को इसके बारे में अवगत कराया। एसपी ने युवक को लाइनबाजार थाने में सुपुर्द करा दिया है।
थानाध्यक्ष ने युवक को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया। इससे पूर्व भ्रष्टाचार मुक्ति संघर्ष मोर्चा ने बच्चे को कोलकाता तक जाने के लिए किराया, खाने-पीने का सामान मुहैया कराया। बाल कल्याण समिति के लोगों ने लिखा पढ़ी करने के बाद उसके परिवार वालों को बुलाया है। इस पुनीत कार्य करने वालो में भ्रष्टाचार मुक्ति संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विराज ठाकुर, भीम सिंह, राणा सिंह, विकास यादव, शुभम सिंह, अवकाश सिंह, अंकित शुक्ल, अभय सिंह, सूरज मौर्या, बादल यादव, शिवम सिंह, सौरभ सिंह, अनुज सिंह आदि शामिल हैं।